2010-04-08 16:55:17

पुरोहित जमानत पर रिहा


एक सेमिनरियन द्वारा 29 जनवरी को आत्महत्या करने के मामले में जेल में नौ दिन व्यतीत करनेवाले पुरोहित ने कहा कि इस अनुभव ने उन्हें ख्रीस्त की पीड़ा को बेहतर ढंग से समझने में सहायता दिया। भोपाल महाधर्मप्रांत के माईनर सेमिनरी के रेक्टर फादर थोमस फिलीप को पहली अप्रैल को जेल से जमानत पर रिहा किया गया। उन्हें पुलिस ने 23 मार्च को गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया था। भोपाल महाधर्मप्रांतीय सूत्रों ने बताया कि पुरोहित को जमानत मिलने में नौ दिन लग गये क्योंकि उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाये गये हैं। फादर फिलीप ने 5 अप्रैल को ऊकान समाचार सेवा को बताया कि उन्हें ऐसे मामले में फँसाया गया है जिसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है तथापि उन्होंने कहा कि जेल में बिताये गये समय ने उन्हें ख्रीस्त की पीड़ा को वास्तव में समझने में सहायता की। उन्होंने कहा कि स्वयं को गंभीर अपराध के आरोप में जेल के अंदर पाना बहुत कठिन और पीड़ादायक था लेकिन जब वे येसु के जीवन और क्रूस आरोपण पर चिंतन करने लगे तो उन्हें नयी आशा मिली। उन्होंने कहा कि निर्दोष येसु को बंदी बनाया गया था। इस प्रकार के अनुभव वह कीमत है जो ईसा के अनुयायी होने के कारण कभी कभी अदा करनी पड़ती है। मृत सेमिनरियन के पिता द्वारा लगाये गये आरोप की उनका पुत्र हिन्दु था और उसे पुरोहित ने काथलिक बनाने का प्रयास किया था इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए फादर फिलीप ने कहा कि विश्व की अन्य सेमिनरियों के समान ही इस सेमिनरी में केवल बपतिस्मा प्राप्त काथलिकों को ही प्रवेश करने दिया जाता है।








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