2010-04-07 12:14:29

मुम्बईः 288 का बपतिस्मा कलीसिया की सजीवता का प्रमाणः कार्डिनल ग्रेशियस


मुम्बई महाधर्मप्रान्त में ईस्टर के दौरान 288 वयस्कों द्वारा बपतिस्मा संस्कार ग्रहण किये जाने पर कार्डिनल ऑसवल्ड ग्रेशियस ने कहा कि यह कलीसिया की सजीवता का प्रमाण है।

पास्का जागरण के अवसर पर, मुम्बई के होली नेम महागिरजाघर में पास्का की धर्मविधि के दौरान प्रवचन करते हुए उन्होंने कहा कि महाधर्मप्रान्त के विभिन्न गिरजाघरों में 288 वयस्कों का बपतिस्मा प्राप्त करना कलीसिया में नवजीवन का संकेत है। उन्होंने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि प्रभु ख्रीस्त की मृत्यु एवं उनके पुनरुत्थान का सन्देश अब भी आशा, आनन्द एवं सान्तवना का सन्देश है।

कार्डिनल महोदय ने कहा कि हाल के दिनों में मीडिया द्वारा सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें पर बढ़ा चढ़ा कर लगाये गये आरोपों के प्रकाश में इतने अधिक लोगों द्वारा बपतिस्मा प्राप्त करना कलीसिया में आशा का संचार करता है क्योंकि असत्य एवं मिथ्या आरोप भी बपतिस्मा के इच्छुक इन वयस्कों के विश्वास को भंग नहीं कर सके।

ग़ौरतलब है कि विगत कुछ समय से मीडिया सन्त पापा बेनेडिक्ट पर दुराचारी पुरोहितों के विरुद्ध कार्यवाही न करने का आरोप लगाती रही है।

कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि बच्चों के विरुद्ध यौन दुराचार के अपराधी पुरोहितों के विरुद्ध कलीसिया ने कुछ नहीं किया या उनके अपराधों को छिपाया यह कहना सरासर ग़लत है। उन्होंने कहा कि वे ख़ुद इस बात के साक्षी हैं कि स्व. सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने इस विषय में कठोर कार्रवाई की थी। उन्होंने कहा कि जॉन पौल द्वितीय ने यौन दुराचार के मुद्दे पर कार्रवाई हेतु रोम में कार्डिनलों एवं महाधर्माध्यक्षों की विशिष्ट सभा बुलाई थी जिसमें वे ख़ुद शामिल थे। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि विश्वास एवं धर्मसिद्धान्त परिषद के अध्यक्ष रहते समय वर्तमान सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने भी एक विशेष दस्तावेज़ जारी कर विश्व के समस्त धर्माध्यक्षों का आह्वान किया था कि वे यौन दुराचार सम्बन्धी प्रकरणों पर कठोर कार्रवाई करें, अपराधियों को कानून का सामना करने दें तथा दुराचार के शिकार लोगों की चंगाई एवं मदद का हर सम्भव प्रयास करें।

कार्डिनल महोदय ने कहा कि कलीसिया पुरोहितों के दुराचार को अनदेखा नहीं कर रही है और न ही वह इन घटनाओं से इनकर नहीं रही है। कलीसिया इन घटनाओं के लिये अत्यन्त दुःखी और लज्जित है कि कुछ पुरोहितों ने विश्वासघात किया तथा कुछ लोगों को दीर्घकालीन क्षति पहुँचाई। तथापि, उन्होंने कहा, यह नहीं भुलाया जाना चाहिये कि हाल के दिनों में मीडिया में उछाले प्रकरण दशकों पूर्व पुराने हैं जिनकी सत्यता को प्रमाणित करना बहुत मुश्किल काम है।

कार्डिनल ग्रेशियस ने बताया कि उन्होंने सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें को एक पत्र लिखकर संकट की इस घड़ी में सम्पूर्ण भारत के धर्माध्यक्षों एवं काथलिक धर्मानुयायियों की एकात्मता का आश्वासन दिया है।








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