2010-04-02 11:08:17


वाटिकन सिटीः शांति निर्माण का अर्थ अन्यायपूर्ण कानूनों बहिष्कार भी, कहना बेनेडिक्ट 16 वें का


रोम स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में गुरुवार प्रातः पास्का दिवसत्रय का शुभारम्भ करते हुए सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने करिश्माई याग अर्पित कर, धर्मविधियों में प्रयुक्त होनेवाले तेलों पर आशीष दी। पवित्र तेलों का उपयोग बपतिस्मा, दृढ़ीकरण, पुरोहिताभिषेक एवं रोगियों के विलेपन के लिये किया जाता है। इस अवसर पर लगभग 1500 पुरोहितों ने सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की अध्यक्षता में ख्रीस्तयाग अर्पित किया तथा पुरोहिताभिषेक की शपथों को नवीकृत किया।

ख्रीस्तयाग अर्पण के दौरान प्रवचन करते हुए सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने पुरोहितों से कहा कि शांति निर्माण का अर्थ अन्यायपूर्ण कानूनों का बहिष्कार भी है। उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय धर्मानुयायी अहिंसा का पालन करते हुए शांति एवं न्याय की स्थापना के लिये आमंत्रित हैं तथापि नैतिक रूप से ग़लत कानून जैसे गर्भपात आदि को समर्थन देनेवाले कानूनों का बहिष्कार भी उनका दायित्व है। उन्होंने कहा, "ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों के लिये यह महत्वपूर्ण है कि वे उस ग़लती को स्वीकार नहीं करें जो कानून में निहित है – उदाहरणार्थ, अजन्में निर्दोष शिशुओं की हत्या।"

अपने प्रवचन में सन्त पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को शांति की प्रजा होना चाहिये जो, इस बात को भली प्रकार समझे कि क्रूस पर ख्रीस्त की मृत्यु पुनर्मिलन एवं प्रेम के चिन्ह हैं। उन्होंने कहा, "ख्रीस्त तलवार के बल पर विजयी नहीं होते, अपितु क्रूस के बल पर। वे घृणा को पराजित कर विजयी होते। वे अपने प्रेम की शक्ति से विजय प्राप्त करते हैं।"

सन्त पापा ने कहा कि प्रभु ख्रीस्त ने जानबूझकर यातनाएँ और क्रूस की पीड़ा सही और क्रूस ही उनके लिये हिंसा के बहिष्कार का माध्यम बना। उन्होंने कहा, "क्रूस अब मृत्यु का प्रतीक नहीं रह गया अपितु उनके प्रेमपूर्ण बलिदान द्वारा वह अब हिंसा पर ईश्वर की विजय का प्रतीक बन गया है।"

पुरोहितों से उन्होंने कहा, "पुरोहित होने के नाते हम सब, ख्रीस्त के साहचर्य में, शांति के पुरुष होने के लिये बुलाये गये हैं; हम हिंसा का विरोध करने तथा प्रेम की महान शक्ति में विश्वास की अभिव्यक्ति हेतु बुलाये गये हैं।"

समस्त ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों का उन्होंने आह्वान किया कि वे भलाई और ईश्वर के लिये पीड़ा सहने को भी तैयार रहें तथा अहिंसा के माध्यम से सत्य को बरकरार रखते हुए हर बुराई का बहिष्कार करें।








All the contents on this site are copyrighted ©.