वाटिकन सिटी 28 मार्च, 2010 सोमवार (ज़ेनित) अमेरिका की काथलिक कलीसिया ने यौन-दुराचार
संबंधी मामलों को सौहार्दपूर्ण तरीकों से सुलझाने में सफलता पायी है विशेष करके बच्चों
को सुरक्षा प्रदान करने के बारे में ।
उक्त बातें संत पापा के प्रवक्ता जेस्विट
फादर फेदेरिका लोमबारदी ने उस समय कहीं जब उन्होंने पुरोहितों के द्वारा किये गये बाल
यौन-दुराचार पर अपनी टिप्पणी की।
वाटिकन प्रवक्ता ने इस बात को स्वीकार किया है
कि वे इस बात से चकित नहीं हैं कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने पुरोहितों के द्वारा किये
गये बाल यौन-दुराचार को लगातार प्रकाशित किया है।
उन्होंने कहा यद्यपि यौन-दुराचार
के मामले बहुत पुराने हैं पर कलीसिया की नैतिक विश्वसनीयता के लिये यह एक बड़ा प्रश्न
चिह्न है।
फादर फेदेरिको ने कहा कि आज ज़रूरत है उन गलतियों की पहचान करने और
इसके द्वारा प्रताड़ित लोगों को उचित सुरक्षा देना की। फादर लोमबारदी ने बताया कि कई
धर्माध्यक्षीय समिति ने इस दिशा में उचित कदम उठाया और लोगों विश्वास जीतने का प्रयास
किया है।
फादर फेदेरिको लोमबारदी ने जर्मनी, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा
जैसे देशों के नाम भी गिनाये जहाँ बाल यौन-दुराचार को रोकने के लिये धर्मप्रांतों ने
सही दिशा-निर्देश दिये हैं।
अमेरिका की धर्माध्यक्षीय समिति ने अपने वार्षिक
रिपोर्ट में एक चार्टर का प्रस्ताव किया है जिसमें बच्चों और युवाओं की सुरक्षा के बारे
में स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं।
उन्होंने कहा यह बात ग़ौरतलब है कि विगत तीस
सालों में अमेरिका में यौन-दुराचार के आरोपों की संख्या में 30 प्रतिशत की कमी आयी है।
इसलिये यह कहा जा सकता है कि बाल-यौन-दुराचार के लिये उठाये कदम कारगर सिद्ध हो रहे हैं।
फादर लोमबार्दी ने अमेरिका की काथलिक कलीसिया की तारीफ़ करते हुए कहा कि यहाँ
की कलीसिया ने अपने नवीनीकरण के लिये सही रास्ता का चुनाव किया है।
हाल में काथलिक
कलीसिया के पुरोहितों के यौन-दुराचार के मामलों के लगातार प्रकाशन से चर्च को नुकसान
हुआ है पर अमेरिका की काथलिक कलीसिया के प्रयास इसका सही प्रत्युत्तर है।
वाटिकन
प्रवक्ता ने कहा कि यौन-दुराचार के मामलों के प्रकाश के बाद भी संत पापा की शक्ति और
विश्वास के सिद्धांतों के लिये बनी समिति के अधिकार कमजोर नहीं हुए हैं।
इसके
ठीक विपरीत उनके निर्देशों से इस बात को बल मिला है कि इस प्रकार के मामलों का समाधान
संभव हो सकता है और इस समूल उखाड़ फेंका जा सकता है।
उन्होंने कहा कलीसिया पूरी
नम्रता और आत्मविश्वास के साथ और पश्चात्ताप के मनोभाव से पुण्य सप्ताह आरंभ कर रही है।
उनकी आशा है कि येसु मसीह जो सबों के पापों के लिये दुःख सहे, कलीसिया पर अपनी दया-दृष्टि
अवश्य दिखायेंगे।