देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया
गया संदेश
श्रोताओ, रविवार 28 मार्च को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के
प्रांगण में उपस्थित देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए खजूर
रविवार के उपलक्ष्य में समारोही ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता की। उन्होंने समारोही ख्रीस्तयाग
के अंत में देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व विश्वासियों को विभिन्न भाषाओं
में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा-
अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
जैसा कि हम
इस समारोह का समापन कर रहे हैं हमारे विचार 25 वर्ष पूर्व के खजूर रविवार की ओर जाते
हैं। यह वर्ष 1985 था जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने युवाओं का वर्ष घोषित किया था। वंदनीय
संत पापा जोन पौल द्वितीय ने येसु के येरूसालेम प्रवेश करने का, उनके शिष्यों द्वारा
जयकार करने के इस अवसर का स्वागत करते हुए विश्व युवा दिवस मनाने की पहल की। तब से खजूर
रविवार ने कुछ विशेषताएँ धारण कर लिया है। प्रत्येक दो या तीन वर्ष में महान वैश्विक
बैठक का आयोजन किया जाता है, येसु का अनुसरण करते हुए विश्व के युवा एक प्रकार से तीर्थयात्रा
करते हैं।
25 वर्ष पूर्व मेरे प्रिय पूर्वाधिकारी ने युवाओं को येसु ख्रीस्त
में अपने विश्वास की उदघोषणा करने के लिए आमंत्रित किया जिन्होंने मानवजाति के बोझ को
अपने ऊपर ले लिया। आज मैं पुनः नयी पीढ़ी का आह्वान करता हूँ कि वे सत्य की विनीत और
आलोकित करनेवाली शक्ति की साक्षी दें ताकि तीसरी सहस्राब्दि के नर-नारियों के लिए श्रेष्ठ
यथार्थ आदर्श- प्रभु येसु की कमी न हो। मैं यह मिशन विशेष रूप से इंटरनेशनल यूथ फोरम
के 300 प्रतिभागियों को देता हूँ जो विश्व के हर भाग से आये हैं। इस सम्मेलन का आयोजन
लोकधर्मियों संबंधी परमधर्मपीठीय समिति ने किया था।
संत पापा ने अंग्रेजी भाषी
तीर्थयात्रियों को सम्बोधित करते हुए कहा- मैं अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रियों और पर्य़टकों
का हार्दिक अभिवादन करता हूँ मुख्य रूप से यहाँ उपस्थित युवाओं का जो 25 वां विश्व युवा
दिवस समारोह मना रहे हैं। आज हम पुण्य सप्ताह आरम्भ कर रहे हैं जो कलीसिया के लिए गहन
प्रार्थना और चिंतन करने का समय है। वह येरुसालेम में बच्चों द्वारा येसु का स्वागत करने
का स्मरण करती है। हम येसु ख्रीस्त को अपने जीवन, अपने दिलों और अपने परिवारों में स्वागत
कर उनकी खुशी को अपना बनायें। मैं आप और आपके परिजनों पर सहर्ष प्रभु येसु ख्रीस्त की
शांति और शक्ति की कामना करता हूँ।
संत पापा ने इताली भाषा में कहा
-
इस क्षण हमारे मन और दिल विशेष रूप से येरूसालेम की ओर उन्मुख हैं जहाँ पास्का
रहस्य पूर्ण हुआ था। यह शहर जो ईसाईयों, यहूदियों और मुसलमानों की आध्यात्मिक मातृभूमि
है, सार्वभौमिक मेलमिलाप की भविष्यवाणी और संकल्प जो मानवजाति के लिए ईश्वर चाहते हैं
इस शहर में हाल के दिनों में उत्पन्न हुए संघर्षों और तनावों से मुझे गहरा दुःख है। शांति
वरदान है जिसे ईश्वर मानवीय उत्तरदायित्व को सौंपते हैं ताकि वार्ता, सबके अधिकारों का
सम्मान, मेलमिलाप और क्षमा के द्वारा इसका विकास किया जाये। इसलिए हम प्रार्थना करें
कि जो लोग येरूसालेम के भविष्य के लिए जिम्मेदार हैं वे साहसपूर्वक शांति के मार्ग में
प्रवेश करें तथा इस पथ पर धैर्यपूर्वक चलते रहें।
अतिप्रिय भाईयो और बहनो, जैसा
कि येसु ने अपने शिष्य योहन के साथ किया- मैं आपको मरियम के सिपुर्द करता हूँ , देखिए
अपनी माता को। हम उनकी ओर पुत्रवत विश्वास के साथ मुखातिब होते हैं और देवदूत संदेश प्रार्थना
का पाठ करते हैं।
संत पापा ने समारोह के अंत में सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद
प्रदान किया।