2010-03-25 16:53:58

10 वें अंतरराष्ट्रीय यूथ फोरम के प्रतिभागियों के लिए संत पापा का संदेश


(रोम सीएनएस) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने 10 वें अंतरराष्ट्रीय यूथ फोरम के प्रतिभागी युवाओं को 24 मार्च को भेजे गये एक संदेश में कहा कि परिपूर्ण जीवन वह है जिसे प्रेम से भरकर जीया जाये। ईश्वर प्रेम है उन्होंने मानवजाति की सृष्टि अपने प्रतिरूप में की है। संत पापा ने कहा कि मानव की मूल अस्मिता को तथा प्रेम करने की उसकी बुलाहट को हम पहचानते हैं। लोगों की सृष्टि प्रेम करने के लिए हुई है तथा उनका जीवन परिपूर्ण होता है जब यह प्रेम में भरकर जीया जाता है। लर्निंग टू लभ शीर्षक के अंतर्गत रोम के निकट रोक्का दी पापा में 24 से 28 मार्च तक सम्पन्न हो रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 90 देशों के लगभग 250 युवा भाग ले रहे हैं। संत पापा ने युवाओं से आग्रह किया है कि वे सारे दिल से प्रेम करने की बुलाहट की खोज करें क्योंकि यही एक व्यक्ति के अस्तित्व की कुँजी है। लोग इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु प्रतिदिन काम करने की ताकत धर्मग्रंथ, मेलमिलाप संस्कार तथा यूखरिस्त से पा सकते हैं।








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