2010-03-22 20:07:14

संत पापा ने ‘मौन-संस्कृति’ का विरोधक – वाटिकन प्रवक्ता


वाटिकन सिटी, 22 मार्च, 2010 सोमवार (ज़ेनित) संत पापा ने सदा ही पुरोहितों के द्वारा किये गये यौन-दुराचार के मामले में ‘मौन संस्कृति’ का विरोध किया है।
उक्त बातें वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदेरिको लोमबार्दी ने उस समय कहा जब उन्होंने शनिवार 20 मार्च को आयरलैंड के काथलिकों के लिये प्रेषित संत पापा के पत्र पर टिप्पणी की। 
वाटिकन प्रवक्ता  फादर फेदेरिको के अनुसार संत पापा ने अपने पत्र में  सत्य, चेतना, वेदना, परिवर्तन और समर्पण जैसे शब्दों का प्रयोग प्रमुखता से किया है।
उन्होंने कहा कि संत पापा का यह पत्र सत्य का सामना ईमानदारी से करती है। आयरलैंड के काथलिकों को लिखा यह पत्र ईमानदारीपूर्वक, एक ओर कलीसिया की ज़िम्मेदारी पर अपना ध्यान केन्द्रित करती है तो दूसरी ओर उन व्यक्तियों पर जो यौन-दुराचार द्वारा उत्पीड़ित किये गये। कलीसिया यह भी चाहती है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति और कहीं न हो।
वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक फादर लोमबार्दी ने बताया कि  संत पापा ने अपने पत्र प्रेषित करने से पहले रायन और मर्फी रिपोर्ट का बारीकी से अध्ययन किया था और आयरैंड के धर्माध्यक्षों से मुलाक़ात की थी। संत पापा ने इस बात को स्वीकार किया है कि समस्या का समाधान आसान नहीं है। उनका यह पत्र समस्या के समाधान की दिशा में एक आवश्यक कदम है।
संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए फादर लोमबार्दी ने कहा कि संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें पोप के रूप में अपनी ज़िम्मेदारी संभालने से अब तक ‘पेडोफिलिया’ अर्थात् यौन-दुराचार के संबंध में ‘मौन-संस्कृति’ का विरोध किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि जो संत पापा को करीब से जानते हैं वे इस बात के साक्षी हैं उन्होंने विश्वास के सिद्धांत संबंधी समिति के अध्यक्ष के रूप में यौन-दुराचार मामलों को कभी भी छिपाने का प्रयास नहीं किया।
वाटिकन प्रवक्ता ने इस बात को स्पष्ट किया कि संत पापा ने अपने प्रेरितिक पत्र में संबंधित धर्माध्यक्षों को पदमुक्त करने के बारे में चर्चा नहीं की है क्योंकि कलीसिया के नाम प्रेरितिक पत्र के द्वारा पदमुक्त करने के बारे में नहीं लिखा जा सकता है। किसी धर्माध्यक्ष को पदमुक्त करने की अधिकार पोप और धर्माध्यक्षों के संगठन को सामुहिक रूप से है।
इस अवसर पर बोलते हुए संत फादर लोमबार्दी ने कहा कि जर्मनी और आयरलैंड की कलीसिया में बहुत अंतर है। संत पापा का प्रेरितिक पत्र वास्तव में पूरी कलीसिया के लिये हैं पर उनके पत्र का संदर्भ आयरलैंड की समस्या है।
वाटिकन प्रवक्ता ने कलीसिया के सदस्यों से अपील की है कि वे अपने देश के नियमों और स्थानीय अधिकारियों का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि वाटिकन वेवसाइट ने संत पापा के अन्य दस्तावेज़ों के साथ यौन-दुराचार संबंधी पत्र भी प्रकाशित करेगा।










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