2010-03-22 20:10:20

धर्माध्यक्ष नये ‘प्रेरितिक उत्साह’ से कार्य करें – संत पापा


वाटिकन सिटी, 22 मार्च, 2010 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने शनिवार 20 मार्च को अफ्रीकी देशों - बुरकिना फासो और नाइजेर के धर्माध्यक्षों के साथ मुलाक़ात की और आशा व्यक्त की है कि धर्माध्यक्ष एक नये ‘मिशनरी स्पिरिट’से कार्य करेंगे।

संत पापा ने कहा कि विश्वास की जड़ों को हमेशा मजबूत किये जाने की आवश्यकता है ताकि लोग पुरानी और रूढ़िवादी बातों में फिर न गिर जायें क्योंकि ये तत्त्व येसु के अनुसरण में बाधक बन सकती हैं।

विश्वास को मजबूत करना इसलिये भी मह्त्त्वपूर्ण हैं ताकि दुनियावी ताकतों से कलीसिया की रक्षा की जा सके। संत पापा ने कहा कि अफ्रीकी धर्माध्यक्षों द्वारा विश्वास को मजबूत करने के लिये किया गया ‘उचित संस्कृतिकरण’ का प्रयास प्रशंसनीय हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए संत पापा ने पिछले साल अक्तूबर में सम्पन्न अफ्रीकी सिनोद की भी याद दिलायी और कहा उस महासभा ने जिन बिन्दुओं को सर्वोच्च प्रमुखता दी थी, वे थे - मेल-मिलाप, न्याय और शांति।

संत पापा ने इस बात के लिये अपनी प्रसन्न्ता व्यक्त की कि बुरकिना फासो और नाइजेर में सामाजिक बुराइयों को दूर करने के उपाय किये जा रहे हैं और लोगों के समुचित विकास के लिये कार्य किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि धर्माध्यक्षों को ईश्वरीय प्रेम से प्रेरित होकर लोगों की सेवा करना जारी रखना चाहिये जैसा कि उन्होंने बाढ़ पीड़ितों और हैती के भूकम्प पीड़ितो की सेवा की है।

संत पापा ने धर्माध्यक्षों से कहा कि धर्मप्रचारकों, लोकधर्मियों और युवाओँ को उचित शिक्षा दी जानी चाहिये ताकि वे अपने सुदृढ़ विश्वास को अपने सामुदायिक जीवन में अपनी सेवा के द्वारा प्रकट कर सकें।

संत पापा ने कहा धर्माध्यक्षों को चाहिये कि बुद्धिजीवियों की विशेष ध्यान दें क्योंकि कई बार वे उन विचारों में फँस जाते हैं जो मानव और समाज के संबंध में ख्रीस्तीय विचारों से भिन्न हैं।

बुरकिना फासो एवं नाइजेर धर्माध्यक्षीय समिति के अध्यक्ष मोनसिन्योर सेराफिम फ्रांचियोस रौउम्बा ने मुलाक़ात के अंत में संत पापा के सकारात्मक एवं आशापूर्ण विचारों के लिये धन्यवाद दिया।




























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