जन कल्याण व्यवसाय की सफलता का मापदंड- कार्डिल बेरतोने
रोम, 19 मार्च, 2010 शनिवार (ज़ेनित) रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराना, उसकी रक्षा करना
और नियोक्ताओं के लिये आर्थिक सहायता देना सब एक ही कार्ययोजना का भाग है।
उक्त
बातें वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल तारचिसियो बेरतोने ने उस समय कहीं जब उन्होंने मंगलवार
16 मार्च को ‘कोनफिनदुस्त्रिया’ नामक इताली नियोक्ताओं के एक संगठन के सदस्यों को संबोधित
किया।
वाटिकन सचिव ने कहा कि एक व्यक्ति की नौकरी समाप्त हो जाना और नौकरी के
अवसर समाप्त हो जाना पैसे या वेतन के घाटे से ज़्यादा गंभीर है। जब एक व्यक्ति की सेवा
समाप्त कर दी जाती है तो व्यक्ति के लिये जीविका की समस्या खड़ी होती है। काम के बिना
व्यक्ति का जीवन अर्थहीन हो जाता है और वह इस बात को सोचने को मजबूर हो जाता है कि उसका
जीवन बेकार हो गया है। उसके पारिवारिक संबंध कटु हो जाते हैं और इसके कई घातक परिणाम
होते हैं।
कार्डिनल बेरतोने ने संत पापा के विश्व पत्र ‘कारितास इन वेरिताते’
का हवाले देते हुए कहा कि रोजगार प्रणाली में मूल परिवर्तन होने चाहिये ताकि इससे लोगों
को लाभ मिल सके। वाटिकन सचिव ने कहा कि प्रवासियों के लिये भी बेहत्तर सुविधा उपलब्ध
कराया जाना चाहिये।
उन्होंने लोगों का ध्यान इस बात पर आकर्षित कराया कि आर्थिक
मंदी इस बात का परिणाम है कि समाज में नैतिक मूल्यों का ह्रास हुआ है। व्यवसाय से जुड़ा
रहना एक बहुत बड़ा मिशन है पर यह तब ही अपना लक्ष्य पूरा करता है जब यह व्यक्ति के हित
का ख्याल रखता है।
व्यवसाय से जुड़े लोगों को यह भी मालूम हो कि व्यक्ति की सिर्फ़
भौतिक ज़रूरतें ही नहीं हैं पर उसकी आवश्यकतायें आध्यात्मिक भी हैं।
कार्डिनल
महोदय ने कहा कि व्यवसाय में विकास का आश्वासन पाने के लिये यह अनिवार्य है कि व्यवसायी
जीवन पर विश्वास करे, जीवन को समर्थन देने के लिये सब साधनों का उपयोग करे, प्रजनन एवं
बच्चों की देखरेख को प्रोत्साहित कर परिवारों के निर्माण में मदद करे और इस प्रकार औद्योगिक
निकाय के यथार्थ एवं धारणीय विकास की गारंटी प्रदान करे।
जीवन रक्षा और परिवारों
का लगातार विकास कराने वाली औद्योगिक व्यवस्था को सफल व्यवस्था मानी जायेगी। उन्होंने
कहा कि कोई भी व्यवसाय तब ही सफल हो सकता है जब इससे व्यक्ति एवं जन साधारण के हितों
की रक्षा होगी।