मिस्र, काहिराः इस्लामी चरमपंथियों की हिंसा के शिकार ख्रीस्तीयों को पुलिस ने गिरफ्तार
किया
मिस्र के पुलिस सुरक्षा बल ने इस्लामी चरमपंथियों की हिंसा से पीड़ित 13 ख्रीस्तीयों
को गिरफ्तार कर लिया है जिनमें चार नाबालिग किशोर भी शामिल थे।
मिस्र के उत्तरी
पश्चिमी क्षेत्र स्थित मेरसा मात्तरोह में, 12 मार्च को शुक्रवार की नमाज़ के दौरान स्थानीय
इमाम, मुहम्मद खामिस खामिस ने भड़काऊ भाषण देकर ख्रीस्तीयों के विरुद्ध आक्रमण को भड़काया
था। ख्रीस्तीय गिरजाघर सेन्ट माईकिल के निकटवर्ती मस्जिद अल-अन्सार के लाऊड स्पीकर से
इमाम खामिस खामिस ने ख्रीस्तीय आराधना स्थलों के विरुद्ध पवित्र युद्ध जिहाद का आह्वान
किया था। ख्रीस्तीय आवासों एवं अनुष्ठानों के विनाश तथा काफ़िरों को भगा दिये जाने का
भी उन्होंने आग्रह किया था।
इमाम द्वारा भड़काये जाने के बाद कुछ 2000 मुसलमानों
ने सेन्ट माईकिल गिरजाघर पर हमला कर दिया था जहाँ, लगभग 400 ख्रीस्तीय धर्मानुयायी एकत्र
थे। बताया जाता है कि 14 घण्टों तक मुसलमान उग्रवादी तोड़ फोड़ मचाते रहे जिसमें 23 ख्रीस्तीय
घायल हो गये हैं तथा 18 आवासों, चार दूकानों एवं 18 मोटरगाड़ियों को आग के हवाले कर दिया
गया है।
गुरुवार, 18 मार्च को पुलिस ने 13 ख्रीस्तीयों को गिरफ्तार किया जिनमें
से चार नाबालिगों को जाँचपड़ताल के बाद रिहा कर दिया गया है। गिरफ्तार ख्रीस्तीयों पर
अवैध धार्मिक सभा का आयोजन करने, सार्वजनिक सम्पत्ति को नष्ट करने तथा हिंसा भड़काने
का आरोप भी लगाया गया है।
इस बीच, मिस्र के मानवाधिकार संगठन ने 21 मार्च को
एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन का आह्वान किया है जिसमें मेरसा मात्तरोह की घटना पर विचार
विमर्श किया जायेगा तथा सरकार का आह्वान किया जायेगा कि वह उन इमामों पर निगरानी रखें
जो ख्रीस्तीयों एवं मुसलमानों के बीच हिंसा को भड़काते हैं।