भारतीय समाज और कलीसिया में महिलाओं की भूमिका और उनकी मर्यादा पर केन्द्रित रहना कलीसिया
की प्रेरिताई में महत्वपूर्ण है।सीबीसीआई के महासचिव और आगरा के महाधर्माध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष
अल्बर्ट डिसूजा ने एशिया समाचार सेवा को दिये साक्षात्कार में भारतीय समाज में महिलाओं
की बढ़ती भूमिका और भेदभाव के खिलाफ कलीसिया के समर्पण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत
की कलीसिया को दो महत्वपूर्ण महिलाओं, धन्य संत अल्फोंसा और कोलकाता की धन्य मदर तेरेसा
का उपहार मिला है जो महिलाओं की भूमिका का स्पष्ट उदाहरण हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत
में एक ओर महिला राष्ट्रपति हैं तथा अन्य क्षेत्रों में भी शक्तिशाली नेतृत्व की भूमिका
में महिलाएँ हैं तो दूसरी ओर महिलाओं के वंचित समूह भी हैं जो भेदभाव का शिकार होते हैं
तथा निर्धनता, बीमारी,अशिक्षा ज्ञान की कमी और शुद्ध पेयजल की कमी के कारण पीड़ित होते
हैं। भारत की कलीसिया शिक्षा, चिकित्सा और अन्य सामाजिक प्रेरिताई के माध्यम से महिलाओं
को देश की मुख्यधारा में लाने तथा महिलाओं के खिलाफ होनेवाले भेदभाव को दूर करने के लिए
अपने संसाधनों का प्रयोग करने में पहले से कहीं अधिक समर्पित है। महिलाओं और युवतियों
के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए कलीसिया ने अनेक पहल आरम्भ किये हैं। आरम्भिक
ईसाई मिशनरियों के समय से ही कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा महिलाओं को संगठित करने के
लिए सशक्तिकरण प्रक्रिया के क्षेत्रों में पहल कर लड़को और लड़कियों दोनों की शिक्षा
पर बल दिया जाता रहा है। महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए कलीसिया ने अहम भूमिका
निभायी है।