नई दिल्लीः भारतीय महिलाओं के प्रति कलीसिया की प्रतिबद्धता
विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में, आठ मार्च को, आगरा के महाधर्माध्यक्ष अलबर्ट डिसूज़ा
ने भारतीय कलीसिया द्वारा महिला उत्थान के लिये किये जा रहे अनेकानेक कार्यक्रमों का
जायज़ा लिया। उन्होंने कहा कि कलीसिया की सभी महिला योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं की प्रतिष्ठा
एवं समाज में उनकी भूमिका को मान्यता दिलवाना है।
रोम स्थित एशिया समाचार से
इस विषय पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "कलीसिया एवं भारतीय समाज में महिलाओं की प्रतिष्ठा
एवं उनकी भूमिका पर ध्यान केन्द्रित करना कलीसियाई मिशन की प्राथमिकता है।"
उन्होंने
कहा कि सौ वर्ष पूर्व महिला दिवस की स्थापना हुई थी और तब से ही कलीसिया महिलाओं को कलीसिया
और समाज में उनके अधिकार दिलवाने तथा उनके विरुद्ध भेदभावों को दूर करने हेतु प्रयासरत
रही है।
उन्होंने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि भारतीय कलीसिया मदर तेरेसा
एवं सि. आलफोन्सा जैसी दो महत्वपूर्ण महिलाओं से धन्य हुई है जो अन्य महिलाओं के लिये
आदर्श हैं।
महिलाओं के उत्थान में अभी बहुत कुछ करना बाकी है इस बात की ओर ध्यान
आकर्षित कराते हुए उन्होंने कहा कि भारत में एक ओर महिला राष्ट्रपति हैं तथा अनेक क्षेत्रों
में महिलाएँ अग्रणी हैं तथापि दलित, आदिवासी तथा निम्न जाति एवं वर्ग की महिलाएँ अभी
भी भेदभाव, हिंसा, निर्धनता, निरक्षरता तथा खराब स्वास्थ्य की शिकार बनी हैं। उन्होंने
कहा कि इन महिलाओं को इनके अधिकार दिलवाना तथा समाज में उपयुक्त स्थान दिलवाना भारत के
समक्ष प्रस्तुत एक महान चुनौती है।