ईसाई - मुस्लिम हिंसा में 500 से ज़्यादा लोगों की मौत
जोस, नाइजीरिया, 8 मार्च, 2010 सोमवार (एसोशिएटेड प्रेस) नाइजीरिया के जोस शहर निकटवर्ती
गाँव में ईसाइयों और मुसलमानों के बीच फिर भड़की हिंसा में 500 से ज़्यादा लोगों की मौत
हो गयी है।
स्थानीय पुलिस आयुक्त ईकेचुकवा अदुबा के अनुसार पिछले सप्ताह जोस
शहर के दक्षिणी भाग स्थित तीन ईसाई गाँवों में हिंसा के बाद मुसलमानों ने गाँव के प्रायः
सब ईसाइयों को मार डाला।
अदुबा ने बताया कि दो सम्प्रदायों के बीच हुई हिंसा
के बाद स्वयंसेवकों ने कुँए, नालियों, झाड़ियों या सड़कों पर लावारिस पड़े 326 स्त्री,
पुरुषों और बच्चों के शव बरामद किये।
पुलिस अधीक्षक अदुबा ने बताया कि इस सिलसिले
में उन्होंने 303 लोगों को हिरासत में ले लिया है और नाइजीरिया की राजधानी अबूजा में
उनसे पूछताछ की जा रही है।
अदुबा ने कहा कि पकड़े गये लोगों पर मुकदमा चलाया जायेगा
और दोषी पाने पर उन्हें सजा दी जायेगी।
विदित हो कि विगत दशक के दौरान नाइजीरिया
में साम्प्रदायिक हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के कारण भड़के दंगों में हज़ारों लोगों
ने अपनी जानें गँवायीं हैं।
हिंसा और रक्तपात के कारणों के बारे में अब तक के
जो बयान सामने आये हैं वे परस्पर विरोधी हैं।
स्थानीय पुलिस आयुक्त के अनुसार
हाल की झड़पें तब शुरु हुई थीं जब कुछ मुस्लिम उग्रवादियों ने एक चर्च में आग लगा दी
थी। जबकि मुस्लिम नेताओं का कहना है कि हिंसा तब भड़की जब ईसाई बहुल क्षेत्र में एक मुस्लिम
के घर के पुनर्निर्माण को लेकर तर्क-वितर्क शुरु हुआ जिसे नवम्बर 2008 में ढाह दिया गया
था।
विदित हो कि जोस शहर का इतिहास ईसाई-मुस्लिम रक्तपातों का रहा है। सन् 2001
के सितंबर महीने में हुए दंगे में 1000 लोगों की मौत हुई थी सन् 2004 में 700 लोगों
की और सन् 2008 में 300 लोग मारे गये थे।
विश्लेषकों का मानना है कि नाइजीरिया
में प्रायः स्थानीय मुद्दों को लेकर हिंसा भड़कती है। जोस के मुसलमानों की शिकायत है
कि ख्रीस्तीय वर्चस्व वाली सरकार नौकरी एवं अन्य सुविधा देने के मामले में ईसाइयों को
साथ देती रही है।