भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की सामान्य आम सभा के अंत में जारी वक्तव्य
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की 29 वीं सामान्य आम सभा असम की राजधानी गुवाहाटी
में 24 फरवरी से तीन मार्च तक सम्पन्न हुई। दो वर्षों में एक बार आयोजित धर्माध्यक्षीय
आम सभा में भारत के 164 धर्मप्रान्तों के 163 काथलिक धर्माध्यक्ष विचार विमर्श हेतु जमा
हुए। आम सभा का विषय था "विकास की ओर बढ़ते भारत में युवाओं की भूमिका"। आमसभा के अंत
में जारी वक्तव्य में धर्माध्यक्षों ने युवाओं को प्रोत्साहन देते हुए उनसे आग्रह किया
है कि वे नियुक्त कलीसियाई अधिकारियों के मार्गदर्शन में ही अपने प्रशिक्षण की जिम्मेदारी
लें तथा लघु ख्रीस्तीय समुदाय के अंग बनें जहाँ वे पल्ली और कलीसिया के सदस्य होने की
भावना को अपना सकें। इसके साथ ही धर्माध्यक्षों की आशा है कि कुछ युवा पुरोहिताई और धर्मसमाजी
जीवन के लिए ईश्वरीय बुलावे का जवाब देंगे। धर्माध्यक्षों ने यह विश्वास व्यक्त किया
है कि आईसीवायएम तथा अन्य युवा अभियानों से प्रशिक्षण प्राप्त युवा लोकधर्मी नेता बनने
के लिए आगे आयेंगे और देश में सुसमाचार प्रचार के काम में अधिक सहभागिता दिखायेंगे। धर्माध्यक्षों
ने युवाओं से आग्रह किया है कि वे मानवाधिकार और सामाजिक न्याय के मुददों में शामिल हों
तथा पंचायती राज संस्थानों, नागरिक प्रशासन और सरकारी निकायों के अंग बनें। देश के विभिन्न
भागों में चले रहे शांति अभियानों में शामिल हों तथा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के पदचिह्नों
में चलते हुए शांति और अहिंसा के संदेश का प्रसार करें। धर्माध्यक्षों ने गहन नैतिक मूल्यों
और सुदृढ़ व्यत्तित्ववाले युवाओं को देश की राजनीति में भाग लेने का आह्वान किया ताकि
वे सबलोगों विशेष रूप से निर्धनों और समाज के हाशिये में रहनेवालों के सर्वांगीण विकास
में अपना योगदान दे सकें तथा ईश्वर की उपस्थिति एवं उनके मुक्तिदायी कार्यों के गवाह
बन सकें। धर्माध्यक्षों ने युवाओं से कहा है कि देश में शांति और सौहार्द की स्थापना
करने की यात्रा में वे उनके साथ हैं।