(वाटिकन सिटी 3 मार्च जेनिथ) महाधर्माध्यक्ष माऊरो पियाचेन्सा ने पुरोहित वर्ष को देखते
हुए विश्व के सब पुरोहितों को सम्बोधित पत्र में कहा है कि पुरोहिताई उपहार है न कि अधिकार।
पुरोहित अभिषेक धर्मविधि की एक प्रार्थना पर चिंतन प्रस्तुत करते हुए उन्होंने सर्वशक्तिमान
ईश्वर आपके इन सेवकों को पुरोहिताई की प्रतिष्ठा प्रदान करें, उन्में पवित्रता की भावना
को नवीकृत करें। धर्माध्यक्षों के सहयोगियों के रूप में वे अपनी प्रेरिताई के प्रति वफादार
रहें तथा दूसरों के लिए सदाचरण का आदर्श बनें। महाधर्माध्यक्ष ने कहा है कि पुरोहित अभिषेक
की धर्मविधि की प्रार्थना के केन्द्रीय भाग में स्मरण किया गया है कि पुरोहित वास्तव
में उपहार है। पुरोहिताई की प्रतिष्ठा पुरोहितों के जीवन में, उनकी पवित्रता में, मानवजाति
का स्वागत करने में उनकी विनम्रता और मेषपालीय उदारता में, सुसमाचार तथा कलीसियाई धर्मशिक्षा
के प्रति निष्ठा में, पवित्र रहस्यों को मनाये जाने के समारोहों में तथा कलीसियाई परिधान
में प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देनी चाहिए।