2010-02-24 12:06:02

चंडीगढ़ः पंजाब में ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा की जाँच का आह्वान


पंजाब के पंचकुला, चंडीगढ़ तथा मोहाली के लगभग तीन हज़ार ख्रीस्तीयों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लेकर विगत दिनों पंजाब के बटाला क्षेत्र में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिन्दु चरमपंथियों की व्यापक हिंसा का घोर विरोध किया।

ग़ौरतलब है कि दिल्ली के एक प्रकाशक द्वारा बियर कैन एवं सिगरेट लिये प्रभु येसु मसीह की अपमानजनक तस्वीर के विशाल पोस्टर्स बटाला में लगाये जाने का ख्रीस्तीय अल्पसंख्यकों ने विरोध किया जिसके प्रत्युत्तर में बजरंग दल, विश्व हिन्दु परिषद एवं शिवशेना के हिन्दु चरमपंथियों ने व्यापक हिंसा मचाई। 20 फरवरी की झड़पों में दस ख्रीस्तीय धर्मानुयायी घायल हो गये थे, कई दूकानों में तोड़ फोड़ मचाई गई थी तथा चर्च ऑफ नोर्थ इन्डिया एवं सालवेशन आरमी प्रॉटेस्टेण्ट ख्रीस्तीय समुदाय के दो गिरजाघरों को आग के हवाले कर दिया गया था जिसके बाद अधिकारियों को करफ्यु लगाना पडा था।

23 फरवरी को ऑल इन्डिया क्रिस्टियन काऊन्सल के नेतृत्व में गठित एक ख्रीस्तीय प्रतिनिधिमण्डल ने पंजाब के मुख्य मंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल के समक्ष एक स्मरणपत्र प्रस्तुत कर विगत दिनों ख्रीस्तीयों के विरुद्ध बटाला में हुई हिंसा की न्यायिक जाँच करवाने की मांग की। स्मरण पत्र में ख्रीस्तीयों ने मुख्यमंत्री को उक्त गिरजाघरों के पुनर्निर्माण का आश्वासन देने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया तथा दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को रिहा किये जाने की सराहना की।

ख्रीस्तीयों ने कहा कि बटाला में शांति स्थापित करने के लिये वे कृतसंकल्प हैं तथा इस दिशा में ख्रीस्तीय समुदाय सहयोग देने का हर सम्भव प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि 19 से 22 फरवरी तक हुई शर्मनाक घटनाओं से पंजाब की शान्ति को ठेस लगी है जिसके प्रति राज्य का ख्रीस्तीय समुदाय अत्यधिक चिन्तित है। उन्होंने स्मरण दिलाया कि पंजाब में पहले भी संघ परिवार के हिन्दु चरमपंथी अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा को भड़काते रहे हैं और यही वे उड़ीसा, मध्यप्रदेश एवं कर्नाटक जैसे देश के अन्य भागों में भी करते रहे हैं। ख्रीस्तीयों ने मुख्यमंत्री से शिकायत की कि प्रभु ख्रीस्त की अपमानजनक तस्वीर का प्रकाशन ख्रीस्तीयों एवं हिन्दुओं के बीच तनाव उत्पन्न करने हेतु हिन्दु चरमपंथियों द्वारा रचा गया षड़यंत्र है जिसकी न्यायिक जाँच कर अपराधियों को न्यायोचित दण्ड प्रदान करना सहअस्तित्वपूर्ण शान्ति के लिये नितान्त आवश्यक है।









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