शिलौंग 20 फरवरी, शुक्रवार (बीबीसी): सिगरेट और बीयर के कैन के साथ दिखाई गई ईसा मसीह
की तस्वीर वाली पुस्तकों से 70 फ़ीसदी से ज़्यादा ईसाई आबादी वाले मेघालय राज्य में क्रोध
भड़क उठा है। शिलौंग के महाधर्माध्यक्ष डौमिनिक जला ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त
करते हुए कहा कि प्रकाशकों की संवेदनहीनता से हमें गहरा आघात लगा है। उन्होंने कहा कि
यह उनकी समझ के परे है कि कोई किसी धर्म का इतना अधिक अपमान कैसे कर सकता है। समाचार
मिलते ही मेघालय सरकार ने सभी स्कूलों और पुस्तकों की दूकानों से विवादित पुस्तकें ज़ब्त
कर ली हैं। ज्ञात हो ये पुस्तकें राज्य के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई जाती हैं। मेघालय
के शिक्षामंत्री अंपारीन लिंगदोह ने कहा है कि इन पुस्तकों के प्रकाशकों ‘स्काई पब्लिकेशंस’
के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मेघालय बोर्ड ऑफ सेकेंडरी
एजुकेशन के पाठ्यक्रम की निर्धारित पुस्तकों को पढ़ाना निजी स्कूलों के लिए ज़रूरी नहीं
है। प्रकाशकों की ओर से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। विदित हो कि ईसा
मसीह की ये विवादित तस्वीर मेघालय की राजधानी शिलौंग के एक निजी स्कूल में जारी एक अभ्यास
कक्षा के दौरान सामने आई। भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के प्रवक्ता बाबू
जोसेफ़ ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि "ईसा मसीह की छवि को बिगाड़ने
की कोई भी कोशिश बेहद निंदनीय है और भारत के धार्मिक सहिष्णुता के सिद्धांत के ख़िलाफ
जाती है"। बाबू जोसेफ़ ने आगे कहा कि कैथलिक कलीसिया ने स्काई पब्लिकेशंस की सभी
पुस्तकों को अपने स्कूलों में प्रतिबंधित कर दिया है। कलीसिया ने भारत सरकार से अपील
की है कि प्रकाशक के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाये और सभी स्कूलों से इस तरह की विवादित
पुस्तकों को हटाया जाए।