पाकिस्तानः युवा ख्रीस्तीय नौकरानी के हत्यारे को रिहा किये जाने पर लाहौर में ख्रीस्तीयों
का रोष भड़का
पाकिस्तान के ख्रीस्तीयों ने बलात्कार, प्रताड़ना एवं हत्या के आरोपी एक मुसलमान वकील
को ज़मानत पर छोड़ दिये जाने का कड़ा विरोध किया है। 23 जनवरी को, लाहौर में, 12
वर्षीय ख्रीस्तीय किशोरी शाज़िया बशीर का बलात्कार कर हत्या कर दी गई थी। हत्या का प्रमुख
संदिग्ध लाहौर का धनी एवं शक्तिशाली मुसलमान वकील चौधरी मुहम्मद नईम है जिसके घर में
ख्रीस्तीय किशोरी शाज़िया बशीर घरेलु नौकर थी। इससे पूर्व भी पाकिस्तान के ख्रीस्तीय
नेताओं एवं मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं ने आरोप लगाया था कि लाहौर का बार एसोसियोशन भी
संदिग्ध की तरफदारी कर रहा था तथा कारावास में उसे सुविधाएँ दी जा रही थीं। विगत
शनिवार को लाहौर की अदालत के न्यायमूर्ति शफीक-उर-रहमान ने बलात्कार, प्रताड़ना एवं हत्या
के आरोपी मुसलमान वकील मुहम्मद नईम, उसकी पत्नी तथा बेटे को रिहा कर दिया था। आरोपी के
वकील की दलील थी कि युवा नौकरानी के शव की जाँच से यह प्रमाणित नहीं होता कि उसकी हत्या
की गई थी। ख्रीस्तीय समुदाय ने इस दलील का बहिष्कार कर दिया है और कहा है कि शाज़िया
के शव पर प्रताड़ना एवं बलात्कार के निशान साफ हैं जिसकी बाद में हत्या कर दी गई थी।
अदालत के फैसले के बाद ख्रीस्तीयों एवं पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठनों ने मिलकर लाहौर
की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया तथा शाज़िया के लिये न्याय की मांग की।