नये कार्डिनलों के संभावित नामों की सूची में भारत के महाधर्माध्यक्ष थोमस मेनामपरामबिल
का नाम सबसे आगे
नयी दिल्ली, 13 फरवरी, 2010 शनिवार (उकान) उकान समाचार के विशेष संवाददाता जेरार्ड ओ
कोनेल ने ख़बर दी है कि अगले अक्तूबर महीने में घोषित होने वाले नये कार्डिनलों के संभावित
नामों की सूची में भारत की ओर से गौहाटी के महाधर्माध्यक्ष थोमस मेनामपरामबिल का नाम
सबसे आगे है। उन्होंने बताया कि एशिया के चार महाधर्माध्यक्षों को संत पापा संभवतः
लाल टोपी से सम्मानित करेंगे। इन नामों में महाधर्माध्यक्ष थोमस के अलावा जापान के महाधर्माध्यक्ष
पीटि तकेवो ओकादा, श्रीलंका का महाधर्माध्यक्ष मालकोल्म रंजित और मियामार के महाधर्माध्यक्ष
चार्ल्स मउँग बो का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। विदित हो कि साईलेसियन धर्मसमाजी
महाधर्माध्यक्ष मेनामपरामपिल उत्तरी-पूर्वी राज्यों में शांति और सद्भावना स्थापित करने
के अपने प्रयास के लिये जाने जाते हैं। सन् 2009 में महाधर्माध्यक्ष मेनामपरामपिल
ने रोम के कोलोसियम स्मारक पर पवित्र शुक्रवार के अवसर पर आयोजित पवित्र क्रूस मार्ग
का चिन्तन, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के आग्रह पर,महाधर्माध्यक्ष मेनामपरामपिल द्वारा
ही लिखा गया था। उधर महाधर्माध्यक्ष ओकादा स्व. संत पापा जोन पौल द्वितीय द्वारा
फरवरी 2000 में टोक्यो के महाधर्माध्यक्ष नियुक्त किये गये थे। इस समय आप जापान काथलिक
धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष हैं। महाधर्माध्यक्ष रंजित बाईबिल के विद्वान हैं
और संत पापा जोन पौल द्वितीय के समय में वाटिकन के कई मह्त्त्वपूर्ण पदों पर रह कर अपनी
सेवायें दे चुके हैं। उन्होंने इंडोनेशिया में वाटिकन के राजदूत के रूप में भी अपनी सेवायें
दीं हैं। रंगून के महाधर्माध्यक्ष बो भी साईलेसियन धर्मसमाजी हैं। उन्होंने मियामार
में नरगिस भीषण तूफान के बाद बचाव और राहत कार्य करने में मुख्य भूमिका अदा की थी जिसके
लिये आप सन्त पापा की प्रशंसा के पात्र भी बने थे। वाटिकन सूत्रों के अनुसार संत
पापा पाकिस्तान और फिलीपींस के लिये भी एक कार्डिनलों की घोषणा कर सकते हैं जिसकी अभी
तक पुष्टि नहीं हुई है। स्मरण रहे कि एशिया में फिलहाल कार्डिनलों की संख्या 18 है
जिनमें सिर्फ़ 10 कार्डिनल 80 की आयु से कम उम्र के हैं जो संत पापा के चुनाव में मतदान
के योग्य हैं। वाटिकन ने अब तक इस प्रकार का कोई समाचार नहीं दिया है।