राँचीः कलीसियाई प्रेम विषय पर महाधर्मप्रान्तीय धर्माध्यक्षीय धर्मसभा आरम्भ
राँची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल टेलेस्फोर टोप्पो ने मंगलवार को राँची में महाधर्मप्रान्तीय
धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का उदघाटन किया। 13 फरवरी तक जारी इस पाँच दिवसीय धर्मसभा में
282 धर्माध्यक्ष, पुरोहित एवं लोकधर्मी प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
1927 ई. में
राँची धर्मप्रान्त की रचना हुई थी। इसके बाद से यह पहली धर्माध्यक्षीय धर्मसभा है जिसका
विषय है "कलीसिया के प्रति प्रेम"।
धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का उदघाटन करते हुए
कार्डिनल टोप्पो ने कहा कि छोटानागपुर क्षेत्र की कलीसिया के जीवन में यह एक महान घटना
है क्योंकि यह वह विशिष्ट अवसर है जिसे स्वयं ईश्वर ने यहाँ के काथलिक धर्मानुयायियों,
यहाँ की कलीसिया तथा समाज को नवीकृत करने के लिये चुना है। कार्डिनल महोदय ने स्मरण दिलाया
कि जब छोटानागपुर क्षेत्र में पहले पहल ख्रीस्तीय मिशनरियों का आगमन हुआ था तब मुणडा,
होस, ओराऊँ, खड़िया एवं अन्य आदिवासी दल बहुत ही निर्धन थे जिनका हर अवसर पर ज़मीनदारों
द्वारा शोषण एवं दमन होता रहता था। आदिवासियों में जीने की इच्छा को ही दबा दिया गया
था किन्तु एक बार प्रभु येसु मसीह को स्वीकार कर लेने के बाद से उनमें आशा का संचार हुआ
और वे देश के जीवन में योगदान देने में समर्थ बने।
कार्डिनल ने कहा कि पुरोहितों,
धर्मसंघियों एवं लोकधर्मी काथलिकों के आध्यात्मिक विकास का अवलोकन उक्त धर्माध्यक्षीय
धर्मसभा का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि कलीसिया के समर्पण के प्रति काथलिक धर्मानुयायियों
में चेतना जाग्रत कर ही स्थानीय कलीसिया की गतिविधियों से उन्हें संलग्न किया जा सकता
है। उन्होंने कहा कि कलीसिया व्यक्तियों के आध्यात्मिक विकास द्वारा राष्ट्र के सामाजिक,
राजनैतिक एवं आर्थिक जीवन में नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहन देना चाहती है।