वाटिकन सिटीः कलीसिया बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करनेवालों से सतर्क रहे, सन्त
पापा की चेतावनी
वाटिकन में, सोमवार को, परिवार सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति की पूर्णकालिक सभा के प्रतिभागियों
को सम्बोधित करते हुए सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा कि उन लोगों के प्रति सतर्क
रहने की नितान्त आवश्यकता है जो बच्चों के अधिकारों का अतिक्रमण करते हैं।
बच्चों
के अधिकारों पर निर्मित संयुक्त राष्ट्र संघीय अन्तरराष्ट्रीय समझौते की बीसवीं वर्षगाँठ
के उपलक्ष्य में आठ से दस फरवरी तक वाटिकन में परिवार सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति की
पूर्णकालिक सभा जारी है। सभा के प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए सन्त पापा ने विवाह
से पूर्व तैयारी हेतु एक निर्देशिका को प्रकाशिक किये जाने की घोषणा की, परिवार को मज़बूत
करने पर बल दिया तथा बच्चों के विरुद्ध यौन दुराचार करनेवाले पुरोहितों की कड़ी निन्दा
की।
बच्चों पर संयुक्त राष्ट्र संघ के उक्त समझौते का स्मरण दिलाकर सन्त पापा
ने कहा, "शताब्दियों के अन्तराल में, ख्रीस्त का अनुसरण करते हुए, कलीसिया ने बच्चों
के अधिकारों एवं उनकी प्रतिष्ठा की रक्षा की है तथा अपने बहुविध कार्यक्रमों में उन्हें
प्रोत्साहन दिया है। दुर्भाग्यवश, अनेक मामलों में, उसके कुछ सदस्यों ने, अपने समर्पण
के विपरीत, बच्चों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन किया है। कलीसिया इस प्रकार के दुर्व्यवहार
का खण्डन करती तथा दुराचारियों की कड़ी निन्दा करती है।"
सन्त पापा ने कहा कि
बच्चों के विरुद्ध दुर्व्यवहार पर प्रभु ख्रीस्त द्वारा कहे गये कठोर शब्दों को याद कर
हमें कभी भी बच्चों के प्रति सम्मान एवं प्रेम के स्तर को नीचा नहीं होने देना चाहिये।
उन्होंने कहा कि वाटिकन ने बच्चों पर संयुक्त राष्ट्र संघ के उक्त समझौते को पूर्ण समर्थन
दिया है तथा उसका स्वागत किया क्योंकि इस समझौते में गोद लेने, स्वास्थ्य सुरक्षा, शिक्षा,
विकलांग बच्चों की रक्षा, बच्चों के विरुद्ध हिंसा, बच्चों की अवहेलना, बच्चों का श्रम
सम्बन्धी शोषण तथा यौन शोषण जैसे मुद्दों पर सकारात्मक वकतव्य निहित हैं।
अपने
सन्देश में सन्त पापा ने बच्चों के भरण पोषण एवं विकास के लिये परिवार को महत्वपूर्ण
बताया और कहा कि एक स्त्री एवं एक पुरुष के मध्य विवाह पर आधारित परिवार ही वह इकाई है
जो बच्चों के विकास के लिये अनुकूल एवं स्वस्थ वातावरण प्रदान कर सकती है।