2010-02-09 11:52:25

मुम्बईः बान्द्रा के समर्पण की 75 वीं वर्षगाँठ पर कार्डिनल ग्रेशियस ने प्रार्थना का आग्रह किया


मुम्बई के उपनगर बान्द्रा में रविवार को ख्रीस्त राजा के प्रति बान्द्रा के समर्पण की 75 वीं वर्षगाँठ मनाई गई। इस अवसर पर मुम्बई के काथलिक धर्माधिपति कार्डिनल ऑसवल्ड ग्रेशियस ने बान्द्रा के सैन्ट एनड्रूज़ मैदान में, ख्रीस्तयाग समारोह का नेतृत्व किया जिसमें 5000 से अधिक श्रद्धालु उपस्थित हुए।

ख्रीस्तयाग प्रवचन में कार्डिनल महोदय ने ख्रीस्त राजा के अनुसरण का सन्देश दिया तथा कहा कि प्रभु ख्रीस्त को अपने जीवन, परिवार, समाज एवं अपने हृदय का राजा बनाया जाये। उन्होंने कहा कि ख्रीस्त के प्रेम सन्देश को अपने जीवन में आत्मसात कर ही ख्रीस्तीय धर्मानुयायी उनके सुसमाचार के सच्चे साक्षी बन सकते हैं।

प्रार्थना को अपने जीवन में प्राथमिकता देने का आग्रह कर उन्होंने कहा कि प्रार्थना से ईश्वर की उपस्थिति का एहसास होता तथा लोगों के बीच प्रेम, सम्मान एवं मैत्री को प्रोत्साहन मिलता है। घरों में प्रार्थना की प्रथा को प्रोत्साहित करते हुए कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि पारिवारिक प्रार्थना से घर में ईश्वर की आशीष एवं अनुकम्पा बनी रहती है तथा परिजनों के बीच प्रेम का संचार होता है। उन्होंने कहा कि यदि हम प्रार्थना नहीं करते हैं तो ख्रीस्त को राजा घोषित करना ढोंग मात्र है क्योंकि ख्रीस्त को राजा स्वीकार करने का अर्थ उनके बताये हुए मार्ग पर चलना है।

इस बात की और कार्डिनल ने बान्द्रावासियों का ध्यान आकर्षित कराया कि ख्रीस्तीय लोग ग़ैरख्रीस्तीय वातावरण में जीवन यापन करते हैं इसलिये यह स्वाभाविक है कि ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों के जीवन आचरण द्वारा ही अन्यों को ख्रीस्त के विषय में आलोक मिल सकता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से मदर तेरेसा ने तिरस्कृत एवं परित्यक्त लोगों की सेवा कर ख्रीस्त के मुखमण्डल से उनका परिचय कराया था उसी प्रकार सभी ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को भी भाई एवं पड़ोसी की सेवा कर ख्रीस्त का साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहिये।








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