2010-02-08 20:34:17

समानता पर संत पापा के विचार हस्तक्षेप नहीं – वाटिकन प्रवक्ता


वाटिकन सिटी, 8 फरवरी, 2010 सोमवार (ज़ेनित) ब्रिटेन के समानता सम्बन्धी अधिनियम पर टिप्पणी करने के लिये विगत सप्ताह सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की आलोचना होती रही है। यह अधिनियम कार्यस्थलों में समलैंगिकों और महिलाओं की सुरक्षा का आश्वासन देता है। तथापि, वाटिकन के प्रेस प्रवक्ता येसु धर्मसमाजी फादर फेदेरिको लोमबार्दी ने कहा है कि संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें के विचारों का ग़लत अर्थ लगाया गया है।

वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘ऑक्तावा दियेस’ में वाटिकन प्रवक्ता फादर लोमबार्दी ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि "समाज के सभी सदस्यों के लिये समान अवसर उपलब्ध कराना नेक लक्ष्य है।"

"तथापि," उन्होंने कहा, "कभी कभी इसे प्राप्त करने के लिये ऐसे कानून लागू किये जाते हैं जो धार्मिक समुदायों की स्वतंत्रता पर अन्यायपूर्ण पाबन्दियाँ लगा देते तथा उन्हें अपने विश्वास के आधार पर कार्य करने से रोकते हैं।"

उन्होंने कहा कि यदि ये कानून प्राकृतिक नियम के विरुद्ध हैं तो वे उस मूलभूत आधार को ही दुर्बल बना देते हैं जो व्यक्ति को समानता की गारंटी देते तथा समान अवसर का अधिकार प्रदान करते हैं।

विदित हो कि पहली फरवरी को संत पापा ने इंगलैंड के धर्माध्यक्षों से पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात के समय कि इंगलैंड में समान अवसर देने के वचनबद्धता की तारीफ़ की थी।

उन्होंने यह भी कहा था कि इंगलैंड में सबको समानता का अधिकार प्रदान करने हेतु बनाये गये कुछ नियम धार्मिक स्वतंत्रता और अपने विश्वास पालन की स्वतंत्रता पर अंकुश डालते हैं। उनके अनुसार ये कानून प्राकृतिक विधान का उल्लंघन करते हैं जिसपर सभी मानव प्राणियों की समानता की नींव टिकी है।

वाटिकन प्रवक्ता ने कहा कि समानता और अधिकार पर संत पापा की टीका वास्तव में उस विवेचित बिन्दु का स्पर्श करती है जिसपर विश्व के कई देशों में ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो मानव के जीवन, लैंगिकता और परिवार से जुड़ा हुआ है।

फादर लोमबार्दी ने इस बात को स्पष्ट किया कि यह सामाजिक और राजनैतिक मामलों में हस्तक्षेप का प्रश्न नहीं है बल्कि लोगों की सेवा में कलीसिया की स्थिति की उचित एवं उपयुक्त प्रकाशना है।

फादर लोमबार्दी ने दैनिक ‘द टाइम्स’ में छपे यूनाइटेड हिब्रु कोनग्रेगेशन के अध्यक्ष नबी सर जोनाथान सैक्स के विचारों का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने भी अधिकारों की समानता के विषय में वैचारिक प्रयोग के खिलाफ़ चेतावनी दी है।

रब्बी जोनाथान ने यह भी कहा कि संत पापा के विचारों को अनुचित हस्तक्षेप मानने के बजाय व्यक्तिगत स्वतंत्रता और धार्मिक स्वतंत्रता के बीच विद्यमान अन्तर को समझने हेतु उनपर ईमानदार बहस आरम्भ करना बेहतर होगा।

वाटिकन प्रवक्ता ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ काथलिकों की समस्या नहीं है पर प्रत्येक व्यक्ति के लिये एक चुनौती है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि हर व्यक्ति इसका ईमानदारी से सामना करे और एक स्वस्थ्य और समृद्ध समाज के निर्माण में मदद दे।










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