2010-02-08 20:35:25

गवाटेमाला के राजदूत फाहसेन ने सौंपा संत पापा को अपना प्रत्यय पत्र



वाटिकन सिटी, 8 फरवरी, 2010 सोमवार (ज़ेनित)। संत पापा ने वाटिकन के लिये नियुक्त गवाटेमाला के नवीन राजदूत से अपील की है कि वे भ्रष्टाचार ग़रीबी और भुखमरी से देश को बचाये।

संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब ग्वाटेमाला के राजदूत अलफोंसो अल्बेरतो मात्ता फाहसेन ने संत पापा को अपना प्रत्यय पत्र सौंपा।

संत पापा ने इस बात पर सन्तोष व्यक्त किया कि ग्वाटेमाला ने प्रजातांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ करने के लिये अनेक कदम उठायें हैं।

संत पापा ने कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि ग्वाटेमाला की सरकार ने कानूनी हथियारों का उपयोग न्यायोचित्त तरीके से किया है ताकि हिंसा को रोका जा सके और मानवाधिकारों की रक्षा की जा सके।

ग्वाटेमाला के राजदूत मात्ता फाहसेन ने संत पापा को अपने देश की जानकारी देते हुए बताया कि देश सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिवर्त्तन के दौर से गुज़रते हुए प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है।

फाहसेन ने देश की चुनौतियों के बारे में बताते हुए कहा सूखे की समस्या से जूझ रहे उसके देश में जलवायु परिवर्त्तन समस्या गंभीर स्तर पर पहुँच गई है। 30 वर्षों के गृह युद्ध और रक्तपात के बाद अनेक लोग देश छोड़ने के लिये बाध्य हुए हैं।

संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने अपने संदेश में कहा कि लोगों के समुचित विकास के लिये राजनीतिक स्थिरता ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि देश को मजबूत करने के लिये यह आवश्यक है कि देश का कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे।

इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये उन्होंने बच्चों के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य की देखरेख हेतु उचित व्यवस्था को आवश्यक बताया। संत पापा ने कहा कि मानव जीवन की मर्यादा की रक्षा के लिये भी विशेष कदम उठाये जाने चाहिये।

ग्वाटेमाला के राजदूत ने अपने देश की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए संत पापा को बताया कि सन् 2008 के अप्रील महीने में राष्ट्रपति अलभारो कोलोम ने गरीबों के विकास के लिये शिक्षा, स्वास्थ्य और पौष्टिक आहार देने के विशेष अभियान आरंभ किये हैं। सन् 2009 तक 4 लाख 80 हज़ार लोगों को इसका सीधा लाभ मिलने लगा है।

संत पापा ने इस बात पर बल दिया कि गवाटेमाला के संविधान में मानव जीवन की रक्षा एवं सम्मान तथा गर्भधारण से प्राकृतिक मृत्यु तक करने का निर्देश है जिसकी सदैव रक्षा की जानी चाहिये।

संत पापा ने राजदूत को बताया कि पारिवारिक मूल्यों का सम्मान और ईश्वर में आस्था जैसे सगगुण ही ग्वाटेमाला में नयी आशा का संचार कर सकते हैं।

अन्त में सन्त पापा ने कहा कि इन्हीं आध्यात्मिक मूल्यों के बल पर ग्वाटेमाला देश में व्याप्त हिंसा, नशीली वस्तुओं की तस्करी, असुरक्षा और निरक्षरता जैसी आधुनिक चुनौतियों का सामना प्रभावपूर्ण तरीके से कर सकता है।








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