कैंडी, श्री लंका 6 फरवरी, शनिवार 2010 (उकान) श्रीलंका में 58 वर्षों तक अपनी सेवा देनेवाले
जेस्विट फादर अन्येलो स्टेफानित्सी का निधन 3 फरवरी को हो गया है। कारितास के एस.पी.
अंतोनियोमुत्थु ने बताया कि फादर अन्येलो श्रीलंका में कार्यरत ग़रीब तमिलों के लिये
‘गाँधी’ के समान थे जिन्होंने उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिये अपना सारा जीवन अर्पित
कर दिया था। फादर अन्येलो कुछ दिनों से बीमार थे और कैंडी के लेवेल्ला अस्पताल में
भर्ती कराये गये थे। फादर अन्येलो स्तेफानित्सी की अंतिम क्रिया 5 फरवरी को तीन बजे सम्मन्न
हुई। अपने प्रवचन में मिशनरी फादर अन्येलो के बारे में बताते हुए श्रीलंका के जेस्विट
प्रोविंशियल फादर मरिया अंतोनी ने कहा कि देश ने एक अनुभवी और समर्पित मिशनरी खो दिया
है। उन्होंने बताया कि फादर अन्येली ने सदा ही ग़रीबों का साथ दिया और उन्हीं के
समान ही पूर्ण सादगी में अपना जीवन बिताया। फादर मरिया ने बताया कि फादर अन्येलो
अनेक यूरोपीय भाषाओं के ज्ञाता होने के साथ साथ तमिल, सिंहली और लैटिन भाषा के भी ज्ञाता
थे। उनका लगाव स्थानीय तमिलों और सिंहलियों के साथ इतना गहरा था कि वे सदा ही तमिल
भाषा में प्रवचन दिया करते थे। ज्ञात हो कि फादर अन्येलो ने चाय बागान में काम करने
वाले तमिलों को स्थानीय मालिकों के शोषण से बचाने और आर्थिक तंगी से बाहर निकालने के
लिये आजीवन कार्य किया। फादर अन्येलो के निधन से श्रीलंका में सिर्फ 5 जेस्विट मिशनरी
जीवित रह गये हैं। विदित हो कि फादर अन्येलो ने भारत के करसियोंग में अपनी पढ़ाई पूरी
करने के बाद सन् 1952 में श्रीलंका के सिलोन में अपना शुरु किया था।