स्काटलैंड के धर्माध्यक्षों के लिए पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात की समाप्ति पर संत पापा
का संदेश
संत पापा बेनेडिक्ट 6 वें ने स्काटलैंड से आये धर्माध्यक्षों को पंचवर्षीय पारम्परिक
मुलकात की समाप्ति पर शुक्रवार को सामूहिक रूप से सम्बोधित किया। धर्माध्यक्षों की और
से कार्डिनल कीथ ओब्रायन द्वारा कहे गये हार्दिक उदगार के लिए धन्यवाद देते हुए संत पापा
ने कहा कि धर्माध्यक्षों की उपस्थिति संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी और सार्वभौमिक कलीसिया
के साथ उनकी सामुदायिकता को व्यक्त करती है। मेषपालीय पहल जो इस अपरिहार्य़ आयाम पर ध्यान
देते हैं वे यथार्थ नवीनीकरण लाते हैं। संत पापा ने इसे सुसंयोग कहा कि कलीसिया पुरोहितों
को समर्पित वर्ष मना रही है साथ ही स्काटलैंड में शहीद संत जोन ओगिलवी की पुरोहिताभिषेक
की चार सौंवी वर्षगांठ मनाई जा रही है। वे सुसमाचार के निष्ठावान सेवक कहे जाते हैं जिन्होंने
कठिन और जटिल मेषपालीय कार्य़ों को समर्पित भाव से किया। वे आज के पुरोहितों के लिए आदर्श
हैं। प्रीस्टस फोर स्काटलैंड पहल के अंतर्गत पुरोहितों के सतत प्रशिक्षण के लिए किये
जा रहे कार्य़ पर संत पापा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विश्वासियों के मध्य पुरोहिताई
के सच्चे अर्थ का प्रसार होने के लिए धर्मशिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कलीसिया के जीवन
में पुरोहित की अपरिहार्य भूमिका पर बल देते हुए गुऱूकुल छात्रों के प्रशिक्षण को प्रोत्साहन
प्रदान किया ताकि वे समर्पित और उत्साही पुरोहित बनें जो इक्कीसवीं सदी में प्रेरितिक
कार्य़ों को करने के लिए मानवीय, शैक्षणिक तथा आध्यात्मिक प्रशिक्षण से लैस हों। संत पापा
ने लोकधर्मियों की भूमिका और उनके योगदान की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि लोक धर्मी
प्रेरिताई पर नवीकृत ध्यान दिया जाये ताकि याजकों और लोकधर्मियों की भूमिका का स्पष्टीकरण
करने में सहायता मिले और समाज के सुसमाचारीकरण के लिए दृढ़ संवेग प्राप्त हो। संत पापा
ने बल दिया कि देश में बढ़ रही धार्मिक उदासीनता द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों का सामना
करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मेडिकल एथिक्स और इब्रायोलोजी के
क्षेत्र में बढ़ावा दिये जा रहे कुछेक क्रियाकलाप चिंता के कारण हैं। इनके सामने मानव
जीवन की प्रतिष्ठा के बारे में ख्रीस्तीय धर्मसिद्धान्त और समझ को अक्षुण रखने की जरूरत
है। मानव जीवन, विवाह का सौंदर्य़ तथा अभिभावक होने की खुशी का प्रेरणादायी दर्शन कलीसिया
विश्व के सामने प्रस्तुत करती है। इसका मूल ईश्वर के असीम प्रेम में है। संत पापा ने
कहा कि कलीसिया की शिक्षा जीवनदायी है तथा इसकी दिशा भलाई और प्रसन्नता की महान क्षमता
को यथार्थ बनाने की ओर है जिसे ईश्वर ने हम में से प्रत्येक जन के अंदर रखा है। देश में
एकता का प्रसार किये जाने के लिए कलीसियाओं द्वारा किये जा रहे कार्य़ो और प्रयासों की
सराहना करने हुए संत पापा ने स्काटलैंड में काथलिक स्कूलों के योगदान को रेखांकित किया
जो समुदायों के मध्य बेहतर संबंध बनाने के काम में लगे हैं। धर्मशिक्षा के महत्व पर बल
देते हुए उन्होंने कहा कि यह शिक्षा विश्वास में मजबूत लोकधर्मियों का निर्माण करती है
जो अपने मिशन कार्य़ों को करने के इच्छुक होते हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया, स्थानीय तथा
राष्ट्रीय राजनीति, व्यवसायों और विश्वविद्यालयें में दृढ़ काथलिक उपस्थिति राष्ट्रीय
जीवन को समृद्ध बनाने में ही योगदान करती है। संत पापा ने धर्माध्यक्षों को प्रोत्साहन
दिया कि वे अपने धर्मप्रांत के विश्वासियों को प्रार्थना करने के लिए प्रोत्साहन दें
ताकि आगामी दिनों में उनका स्काटलैंड का प्रेरितिक दौरा देश में सम्पू्र्ण काथलिक समुदाय
के लिए कृपा का समय सिद्ध हो। लोग मसीही विश्वास में मजबूत बनें और सुसमाचार का साक्ष्य
प्रदान करें।