फादर इम्मानुएल केरकेट्टा जशपुर धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष अभिषिक्त
(सीबीसीआई) राँची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तेलेस्फोर टोप्पो ने कुनकुरी में 2 फरवरी
को आयोजित धर्माध्यक्ष अभिषेक समारोह की अध्यक्षता कर 58 वर्षीय फादर इम्मानुएल केरकेट्टा
को जशपुर का नया धर्माध्यक्ष अभिषिक्त किया। रायगढ़ के धर्माध्यक्ष पौल टोप्पो तथा रायपुर
के महाधर्माध्यक्ष जोसेफ अगुस्टीन चारानाकुनेल सह अनुष्ठाता थे। समारोह में विशाल संख्या
में आदिवासी काथलिक और विभिन्न धार्मिक तथा राजनैतिक नेता शामिल हुए। गोटमहुआ गाँव में
16 मार्च 1952 को एक आदिवासी परिवार में जन्मे धर्माध्यक्ष केरकेट्टा ने मुसगुटरी पल्ली
में अपनी पढ़ाई की तथा मंगलोर स्थित संत जोसेफ सेमिनरी में अध्य्यन करने के बाद 1984
में पुरोहित अभिषिक्त हुए। वे सन 2006 में धर्मप्रांत के भिकर जेनरल बनाये जाने से पूर्व
एक उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक और प्रबंधक के पद पर कार्य़रत थे। विगत वर्ष जून माह
में धर्माध्यक्ष विक्टर किंडो का निधन हो जाने के बाद वे धर्मप्रांत के प्रशासक नियुक्त
किये गये थे। छत्तीसगढ़ राज्य में जशपुर धर्मप्रांत में काथलिकों की संख्या सर्वाधिक
है। एक लाख 88 हजार काथलिकों में अधिकांश उराँव जनजाति के हैं। जशपुर धर्मप्रांत में
134 धर्मप्रांतीय पुरोहित, 45 धर्मसमाजी पुरोहित तथा लगभग 345 धर्मबहनें 50 पल्लियों
में सेवारत हैं। धर्मप्रांत 148 प्राथमिक विद्यालयों, 84 मध्य विद्यालयों तथा 22 उच्च
विद्यालयों द्वारा तथा सब पल्लियों में विद्यार्थियो के लिए हास्टेलों का संचालन कर
आदिवासियों की शिक्षा को प्राथमिकता प्रदान करता है। क्षेत्र के आदिवासियों ने लगभग एक
सौ वर्ष पूर्व बेल्जियम से आये मिशनरियों से बपतिस्मा संस्कार पाया था। सन 1951 में राँची
धर्मप्रांत से अलग कर रायगढ़ अम्बिकापुर धर्मप्रांत बनाया गया था। 1977 में अम्बिकापुर
तथा सन 2006 में जशपुर धर्मप्रांत की रचना हुई थी। रायगढ़ के धर्माध्यक्ष विक्टर किंडो
को स्थानांतरित कर जशपुर धर्मप्रांत का पहला धर्माध्यक्ष बनाया गया था। जशपुर धर्मप्रांत
का मुख्यालय कुनकुरी में है।