2010-02-01 15:30:58

रविवारीय देवदूत संदेश प्रार्थना से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 31 जनवरी को संत पेत्रुस महामंदिर के प्रांगण में देश विदेश के आये हजारों तीर्थयात्रियों के साथ देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व इताली भाषा में सम्बोधित करते हुए कहा-


अतिप्रिय भाईयो और बहनो,

आज की पूजनधर्मविधि के पाठों में नये व्यवस्थान और सम्पूर्ण बाइबिल के सबसे सुंदर पाठों में से एक पाठ पढ़ा जाता है- संत पौलुस का कथित प्रेम गीत।

कुरिंथियों को लिखे अपने पहले पत्र में संत पौलुस, पवित्र आत्मा के विभिन्न वरदान एक कलीसिया के हित के लिए हैं इस बात की व्याख्या करने के लिए शरीर के प्रतीक का उपयोग करने के बाद पूर्णता का मार्ग दिखाते हैं। वे कहते हैं कि इस मार्ग के लिए अतिरिक्त गुणों जैसे नयी भाषा का प्रयोग, सब रहस्यों को जानना, विश्वास होना या वीरोचित कार्यों को करना इन सबके होने की जरूरत नहीं है बल्कि इस मार्ग में है - प्रेम, अगापे अर्थात यथार्थ प्रेम, वह प्रेम जिसे ईश्वर ने हमारे लिए येसु ख्रीस्त में प्रकट किया। प्रेम सबसे महान उपहार है जो न ढींग मारता, न घमंड करता है, वास्तव में यह सत्य और दूसरों के सदाचरण से प्रसन्न होता है। जो व्यक्ति वास्तव में प्रेम करता है वह अपना स्वार्थ नहीं खोजता और न बुराई का लेखा रखता है। वह सहनशील होता है, सब कुछ पर विश्वास करता है, सब कुछ की आशा करता है और सब कुछ सह लेता है। अंत में जब हम ईश्वर को आमने सामने देखेंगे बाकी सब वरदान नहीं दिखाई देंगे, जो केवल अनन्तकाल तक रहेगा वह प्रेम ही है। क्योंकि ईश्वर प्रेम है और हम सब उनके साथ पूर्ण एकात्मता में उनके सदृश बन जाएंगे। अभी के लिए जब हम इस संसार में हैं प्रेम ही ख्रीस्तीय भिन्नता है। ईसाई का सम्पूर्ण जीवन का सार प्रेम है। जो वह विश्वास करता है और जिसे वह करता है। इसी कारण से, मेरे परमाध्यक्षीय काल के आरम्भ में मैंने मेरे प्रथम विश्व पत्र देऊस कारितास एस्त को प्रेम शीर्षक को समर्पित किया। जैसा कि आप याद करते होंगे इस विश्व पत्र में दो भाग हैं जो प्रेम के दो आयामों इसके अर्थ और इसके अभ्यास को धारण करते हैं। स्वयं ईश्वर का सार प्रेम है, यह सृष्टि और इतिहास का अर्थ है, यह वह प्रकाश है जो प्रत्येक व्यक्ति के अस्तित्व को सौंदर्य और अच्छाई प्रदान करता है। और इसी समय प्रेम ईश्वर की शैली या स्टाइल है और विश्वासी के लिए यह उनका है दो ईश्वर के प्रेम का प्रत्युत्तर देते हुए अपने जीवन को ईश्वर और पड़ोसी के लिए उपहार बनाता है।

येसु ख्रीस्त में ये दो आयाम पूर्ण एकता दिखाते है वे प्रेम का देहधारण हैं। यह प्रेम हमारे लिए येसु ख्रीस्त के क्रूसीकरण में पूरी तरह से प्रकट किया गया है। उनपर अपनी दृष्टि जमाते हुए हम प्रेरित योहन के समान कह सकते हैं हम अपने प्रति ईश्वर का प्रेम जान गये और इस में विश्वास करते हैं।

प्रिय मित्रो, यदि हम संतों के बारे में विचार करते हैं तो हम उनके भिन्न भिन्न आध्यात्मिक वरदानों तथा उनके मानवीय स्वभाव को देखते हैं लेकिन उनमें से हरएक जन का जीवन प्रेम का गीत है, ईश्वर के प्रेम का जीवंत भजन है। आज 31 जनवरी को हम विशेष रूप से सलेशियह परिवार और युवाओं के संरक्षक संत, संत जोन बोस्को का स्मरण करते हैं। मैं पुरोहितों को समर्पित वर्ष में उनकी मध्यस्थता की याचना करना चाहता हूँ ताकि पुरोहित हमेशा युवाओं के लिए अभिभावक और शिक्षक बने रहें और इस मेषपालीय उदारता को महसूस करते हुए अनेक युवा येसु ख्रीस्त और उनके सुसमाचार के लिए अपने जीवन को अर्पित करने के बुलावे का स्वागत कर सकें। माता मरियम हमारी सहायता, उदारता का आदर्श हमारे लिए इन कृपाओं को प्राप्त करें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और उसके बाद सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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