डिजीटल माध्यमों के सहारे ईश्वरीय प्रेम का प्रचार करें – वाटिकन प्रवक्ता
वाटिकन सिटी, 1 फरवरी, 2010, सोमवार (ज़ेनित)। साइबर स्पेस के भूलभुलैये में भी ईश्वर
को पाना संभव है पर यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि उसमें क्या पाना चाहता है।
उक्त
बातें वाटिकन के प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदेरिको लोमबार्दी ने उस समय कहीं जब वे वाटिकन
टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्याक्रम ‘ऑक्तावा दियेस’ में 44वें विश्व संचार दिवस के लिये
दिये गये संदेश पर टिप्पणी कर रहे थे।
संत पापा ने अपने संदेश में इस बात की पुष्टि
की है कि ईश्वर ने जो प्रेम मानव के लिये येसु में प्रकट किया है उसे डिजीटल दुनिया में
भी व्यक्त किया जाना चाहिये।
इसकी अभिव्यक्ति न सिर्फ एक सिद्धांत के रूप में
किया जाना चाहिये बल्कि एक ऐसी सच्चाई के रूप में जो ठोस है, हमारे सामने हैं और एक विरूपण
साक्ष्य के रूप में है। फादर लोमबार्डी ने कहा कि संत पापा के साइबर स्पेस संबंधी संदेश
‘स्पष्ट और उत्साहवर्द्धक’ है।
संत पापा के प्रवक्ता ने लोगों को आगाह किया कि
जो आधुनिक और नवीनतम संचार माध्यमों जैसे ‘आई-पोड’, ‘आई-फोन’ और ‘आई-पैड’ के द्वारा ईश्वर
की खोज मे लगे रहते हैं, उन्हें इस बात पर ध्यान देना होगा कि वे जानें कि उनका लक्ष्य
क्या है।
अगर वे अपने लक्ष्य पर ध्यान नहीं देंगे तो इन आकर्षक माध्यमों की चकाचौंध
से वे अपना रास्ता खो सकते हैं।
फादर लोमबार्डी ने इस बात को स्पष्ट किया कि
मानव का लक्ष्य तो है उस परम पावन ईश्वर की खोज़ करना जो उन आपसी रिश्ता, मित्रता और
वार्ता को जारी रखने के लिये सुविधायें उपलब्ध कराता है।
इस अवसर पर बोलते हुए
फादर लोमबार्दी ने यह भी कहा वे इस बात को स्वीकार करते हैं कि साइबर स्पेस एक जंजाल
के समान है जहाँ एक ओर कृत्रिमता और असत्य की दुनिया है तो दूसरी ओर यह एक ऐसा नेटवर्क
है जिससे लोग सच्चाई और अच्छाई को जान सकते हैं । और पूरी दुनिया के लोगों से अपनी दोस्ती
का दायरा बड़ा कर सकते हैं।
जेस्विट फादर लोमारदी ने आगे कहा येरूसालेम के मंदिर
में अवस्थित अन्य जातियों के लिये बने न्यायालय की चर्चा की और कहा कि जो भी यहाँ से
ज्ञान प्राप्त करना चाहते थे सबों के लिये यह न्यायालय खुला होता था।
उन्होंने
कहा हमें भी चाहिये कि हम ईश्वरीय प्रेम को सबों को बाँटे। आज दुनिया के बहुत से लोग
डिजीटल दुनिया से जुड़ते जा रहे हैं। हम भी पूरे उत्साह और रचनात्मक तरीकों को अपनाकर
साहस और विवेक के साथ इस दुनिया में प्रवेश करें ताकि लोग जीवन में ईश्वरीय उपस्थिति
का अनुभव कर सकें।