संत पापा द्वारा नाजी यातना शिविरों के पीडि़तों का स्मरण
(वाटिकन सिटी 27 जनवरी विआईएस) - संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने 27 जनवरी को बुधवारीय
आमदर्शन समारोह के अंत में 65 वर्षों पूर्व 27 जनवरी 1945 को पोलैंड में ओस्तविच स्थित
नाजी यातना शिविर के दरवाजे खोले जाने और बंदियों को रिहा किये जाने का स्मरण किया। उन्होंने
कहा कि जो लोग जीवित बच गये उन्होंने संसार के सामने नाजी यातना शिविरों में किये जानेवाले
क्रूर अपराधों और बबर्रता को संसार के सामने प्रकट किया। आज हम इन अपराधों के शिकार हुए
लोगों मुख्यतः यहूदियों को योजनाबद्ध तरीके से समाप्त कर दिये जाने की योजना और उन लोगों
का स्मरण करते हैं जो अपने जीवन के सामने मौजूद खतरे के बावजूद पीडि़तों की रक्षा के
लिए सामने आये और हत्यारी शैतानियत का विरोध किया। आज हम नस्लीय और धार्मिक भेदभाव के
आधार पर अंधी नफरत के शिकार हुए लोगों का स्मरण कर रहे है जिन्होंने निर्वासन सहा, बंदी
बनाये गये और भयानक अमानवीय स्थलों में मारे गये। संत पापा ने कहा कि इन घटनाओं की स्मृति
विशेषकर यहूदियों के जनसंहार की घटना प्रत्येक मानव प्राणी की मानवीय प्रतिष्ठा के प्रति
हम में और अधिक आदर- सम्मान की भावना उत्पन्न करे ताकि सम्पूर्ण मानवजाति स्वयं को एक
बड़ा परिवार महसूस कर सके। सर्वशक्तिमान ईश्वर सब लोगों के मन और दिल को आलोकित करें
ताकि इस प्रकार की त्रासदीपूर्ण घटनाएँ फिर कदापि न हों।