त्रिपुरा की कोकबरोक भाषा में निर्मित फिल्म यारवंग (जड़) को राष्ट्रीय पुरस्कार
(नई दिल्ली 27 जनवरी सीबीसीआई न्यूज) भारत में त्रिपुरा की कोकबरोक भाषा में निर्मित
फीचर फिल्म यारवंग (जड़) को संविधान की आठवीं सूची में वर्णित भाषाओं से अलग भाषा में
निर्मित श्रेष्ठ फिल्मों की श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया है। 56 वें
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा भारत की सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने
नई दिल्ली में 23 जनवरी को किया। भारत की राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल मार्च माह
में आयोजित समारोह के दौरान राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान करेंगी। यह राष्ट्रीय पुरस्कार
राज्य की नवजात फिल्म इंडस्ट्री तथा विशेष रूप से जनजातीय समुदाय की कोकबरोक भाषा के
लिए बड़ा प्रोत्साहन है। यह पहली बार है जब उत्तरपूर्वी राज्य त्रिपुरा को राष्ट्रीय
फिल्म पुरस्कार प्रदान किया गया है। ज्ञात हो कि गोआ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म
उत्सव 2008 में यारवंग भारतीय पैनोरमा की प्रथम फिल्म थी। मुम्बई में 2008 में आयोजित
सातवें थर्ड आई एशियन फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म को सेपेशल जूरी मेंशन अवार्ड दिया
गया था। कोकबरोक भाषा में निर्मित 95 मिनटों वाली इस फिल्म को न्यूयार्क, स्टटगारट, मास्को,
ब्रिसबेन ढाका और तीईवान में आयोजित 40 से अधिक इंटरनेशनल फिल्म समारोहों में दिखाया
जा चुका है। इस फिल्म के निर्माता डोन बोस्को सामपारी पिक्चर्स के जोसेफ किजहाकेचानादु
एसडीबी तथा निर्देशक जोसेफ पुलिनथानाथ एसडीबी हैं। फिल्म में गुमटी जल परियोजना के कारण
त्रिपुरा में रहनेवाले हजारों आदिवासियो के विस्थापन को दर्शाया गया है। न्यूयार्क टाइमस
ने इस फिल्म की समीक्षा करते हुए इसे जनजातीय भारत में दुर्लभ झलक कहा। विख्यात कलाकार
मीना देववर्मा तथा अमूल्य रत्न जमातिया ने भी इस फिल्म में काम किया है लेकिन अधिकाँश
कलाकार विस्थापन के शिकार हुए लोग हैं और उन्हें एक्टिंग का कोई अनुभव नहीं था। यारवंग
के निर्माता पुलिनथानाथ ने पुरस्कार दिये जाने की घोषणा पर इसे कोकबरोक भाषा और इस भाषा
को बोलनेवालों के लिए गर्व का दिवस बताया। यारवंग फिल्म के निर्माण के लिए सलेशियन
धर्मसमाज तथा ब्रसेल्स के सिगनिस और जर्मनी के मिसियो ने धन उपलब्ध कराया था।