हैतिवासियों की सहायता के लिये चर्च कृतसंकल्प – संत पापा
वाटिकन सिटी, 25 जनवरी, 2010 (ज़ेनित)। ईसाइयों के महाधर्मगुरु संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें
ने कहा है कि काथलिक कलीसिया हैती निवासियों को कभी अकेले नहीं छोड़ेगी।
12 जनवरी
को हैती में आयी भूकम्प की बरबादी के बाद देश के पुनर्निर्माण के लिये चल रहे सभी प्रयासों
में चर्च योगदान देने के लिए कृतसंकल्प है।
संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं
जब उन्होंने हैती के राष्ट्रपति रेने प्रेभाल और हैती धर्माध्यक्षीय समिति के अध्यक्ष
महाधर्माध्यक्ष लुईस केबरु को पत्र प्रेषित किया।
वाटिकन प्रेस कार्यालय ने दोनों
पत्रों के प्रेषित करते हुए बताया कि संत पापा भूकम्प से हुए जानमाल की क्षति से शोकित
हैं और हैतीनिवासियों के प्रति अपनी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करते हैं।
हैती
के राष्ट्रपति को लिखे पत्र में संत पापा ने कहा है कि विनाशकारी भूकम्प से मरे लोगों
को ईश्वर अपने राज्य में प्रवेश करने दे और उनकी आत्माओं को अनन्त शांति प्रदान करे।
इसके साथ मृतकों के परिवार के सदस्यों और परिजनों को ढाढ़स और सांत्वना प्रदान
करे जिन्हें यह भी अवसर प्राप्त नहीं हुआ कि वे अपने प्रियजनों का उचित तरीके से अंतिम
क्रिया सम्पन्न कर सकें।
संत पापा ने कहा कि वे ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि
वे ऐसे दुःख और सदमे के समय लोग उदारतापूर्वक मदद के लिये सामने आयें।
जो बेघर-बार
हो गये हैं वे शांति बनायें रखें ताकि उनकी उचित सहायता की जा सके।
संत पापा ने
कहा कि वे उन सब लोगों की और विशेष करके अंतरराष्ट्रीय समुदाय की वे तारीफ़ करते हैं
जिन्होंने अपने जीवन को खतरे में डालकर हैतीवासियों की सेवा के लिये अपना कदम बढ़ाया
है।
संत पापा ने हैती के राष्ट्रपति को यह आश्वासन दिया है कि कलीसिया राष्ट्र
के पुनर्निर्माण के लिये हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
इस अवसर पर महाधर्माध्यक्ष
सेरेज मियोत को लिखे अपने पत्र में संत पापा ने उन पुरोहितों, धर्मसमाजियों, धर्मबहनों
और धर्मबन्धुओं की याद कि जिनकी मृत्यु भी भूकम्प के कारण हो गयी है।
उन्होंने
माता मरिया की मध्यस्थता से प्रार्थना की और कहा कि इस असहाय दुःख की घड़ी में माता मरिया
उनकी दिलासा बनें। .