2010-01-25 14:32:36

देश का नवनिर्माण में योगदान ही लक्ष्य - कार्डिनल ग्रेसियस


नयी दिल्ली, 25 जनवरी, 2010। काथलिक कलीसिया ने सदा ही देश के नवनिर्माण में अपना योगदान दिया है। काथलिक कलीसिया चाहती है कि वह येसु मसीह के प्रेम और सेवा के संदेश के द्वारा राष्ट्र को समृद्ध करे।
उक्त बातें मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वाल्ड ग्रेसियस ने उस समय कहीं जब उन्होंने गणतंत्र दिवस की पूर्व ‘एशियान्यूज़’ को एक साक्षात्कार दिया।
कार्डिनल ग्रेसियस ने कहा कि देश में सरकार के बाद अगर किसी संस्था ने शिक्षा के क्षेत्र में देश की सेवा की है, तो यह कैथोलिक चर्च ही है।
चर्च द्वारा संचालित शिक्षण संस्थान का लक्ष्य ही है कि विद्यार्थियों का बहुमुखी विकास ताकि विद्यार्थी भविष्य में राष्ट्र के नवनिर्माण में प्रभावकारी साधन बन सकें।
महाधर्माध्यक्ष ग्रेसियस ने आगे कहा कि कैथोलिक कलीसिया ने एक दूसरे महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में योगदान दिया है वह है - स्वास्थ्य सेवा।
कैथोलिक कलीसिया ने लोगों की सेवा के लिये जो अपना नेटवर्क बनाया है वह सब अन्य स्वास्थ्य संगठनों से विस्तृत है।
चर्च की सबसे बड़ी खूबी है कि इसके कार्यकर्त्ता सुदूर गाँवों में ग़रीब लोगों तक अपनी सेवाओं का लाभ पहुँचाने में कामयाबी हासिल की है। महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि कलीसिया ने लोगों को सद्भावना के साथ जीने का एक नया संस्कार भी दिया है।
यह सदैव इस बात के लिये प्रयास करती रही है कि देश में लोग जाति धर्म और समुदाय का भेदभाव किये शांति और सद्भभाव के साथ जीवन बितायें।
इतना ही नहीं आज पूरा विश्व जिस पर्यावरण की रक्षा के लिये चिन्तित है कैथोलिक कलीसिया भी प्रकृति की रक्षा का सदैव पक्षधर रही है। चर्च का मानना है कि पूरी धरती ईश्वर की ओर से मानव को दिया गया एक अनुपम वरदान है। प्रत्येक व्यक्ति को चाहिये कि वह प्रकृति की वस्तुओं के उपयोग में दूरदर्शिता दिखलाये और इसकी रक्षा में पूर्ण सावधानी बरते।
इस अवसर पर बोलते हुए कार्डिनल ने इस बात की भी जानकारी दी कि निकट भविष्य में मुम्बई महाधर्मप्रांत पूरे धर्मप्रांत के लिये पर्यावरण वर्ष घोषित करेगा और इसके तहत् अनेक कार्यक्रमों और सेमिनारों का आयोजन किया जायेगा।
इसके द्वारा लोगों को जागृत किया जायेगा ताकि वे नैतिक और धार्मिक रूप से प्रकृति की रक्षा के दायित्त्व को भली-भाँति निभा सकें।








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