वाटिकन सिटी, 25 जनवरी, 2010 (ज़ेनित) । संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि लोग
ईश्वर के प्रेम के संदेश को विश्व के कोने-कोने तक पहुँचाने के लिये आधुनिक मीडिया या
संचार के साधनों का प्रयोग करें।
संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने
23 जनवरी शनिवार को, 16 मई को होने वाले 44वें विश्व संचार दिवस के लिये अपने संदेश
जारी किये।
विदित हो कि इस वर्ष के विश्व संचार दिवस की विषय वस्तु है “डिजीटल
विश्व में पुरोहित और उनका मेषपालीय मिशन; विश्व की सेवा में नयी मीडिया”। यह भी विदित
हो कि वर्ष 2009-10 को संत पापा ने पहले ही पुरोहितों का वर्ष घोषित किया है।
इस
अवसर पर बोलते हुए संत पापा ने पुरोहितों को संबोधित करते हुए कहा कि वे उन सारी संभावनाओं
का पता लगायें जिनके द्वारा वे ईश्वर की वाणी को लोगों तक पहुँचा सकें।
उन्होंने
कहा कि आज के युग में मीडिया का सामाजिक प्रभाव जिस गति से बढ़ा है उससे यह ज़रूरी हो
गया है कि पुरोहित संचार माध्यमों को प्रयोग करें ताकि उनका मिशन सफ़ल हो सके।
संत
पापा ने कहा कि पुरोहितों को सबसे बड़ा दायित्त्व है कि वे शरीरधारी ईश्वर के शब्द येसु
मसीह का प्रचार करें।
वे विभिन्न संस्कारों में इसी शरीरधारी ईश्वरीय कृपा का
वितरण करें। उन्होंने कहा कि पुरोहित इसी लिये बुलाये जाते हैं ताकि वे येसु पर केन्द्रित
समुदाय के निर्माण के लिये कार्य करें।
संत पापा ने कहा कि आज की नयी पीढ़ी तक
पहुँचने के लिये मीडिया के नये साधनों का उपयोग करना परमावश्यक है क्योंकि नयी तकनीकि
उन्हें आसानी से प्रभावित करती है।
उन्होंने कहा कि आज इस बात की ज़रूरत है कि
पुरोहित अपनी उपस्थिति डिज़ीटल दुनिया में दर्ज़ करायें और सुसमाचार के संदेशों का साक्ष्य
बनें।
उन्होंने आगे कहा कि पुरोहितों को चाहिये कि वे वार्त्ता, सुसमाचार प्रचार
और धर्मशिक्षा देने के लिये अत्याधुनिक संचार साधनों जैसे इंटरनेट, ऑडियो, विडिओ, ब्लॉग,
वेबसाइट्स आदि के का प्रयोग करें।
संत पापा के संदेशों को स्पष्ट करते हुए सामाजिक
सम्प्रेषण के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष कलाउडियो मरिया
चेली ने कहा कि अपने संदेश के द्वारा संत पापा यह नहीं बताना चाहते हैं कि पुरोहित अपना
ज़्यादा समय इंटरनेट के प्रयोग में बितायें।
संत पापा यह बताना चाहते हैं कि
पुरोहित आधुनिक संचार के माध्यमों का प्रयोग करें ताकि वे अधिक लोगों तक पहुँच सकें और
ईश्वरीय समुदाय का निर्माण कर सकें।