2010-01-24 08:38:04

महिलायें कम दृश्यमान पर चर्च के लिये अति मह्त्त्वपूर्ण


रोम, 23 जनवरी, 2010 (ज़ेनित)। चर्च के क्रियाकलापो में महिलाओं की भूमिका बहुत दृश्यमान नहीं हैं पर उनके मह्त्त्वपूर्ण योगदान को नकारा नहीं जा सकता है।

उक्त बातें फ्लामिनिया जियोवनेल्ली ने उस समय कहीं जब उन्होंने गुरुवार 21 को जनवरी शांति और न्या के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति के सह सचिव का पद भार संभाला। 61 वर्षीय फ्लामिनिया वाटिकन के इस सम्मानित पद में आसीन होने वाली पहली महिला हैं।

इससे पहले रोजमेरी गोल्डी नामक एक महिला को लोकधर्मियों के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति के सह-सचिव होने का गौरव प्राप्त है। पूरे वाटिकन में सिर्फ़ दो महिलायें इस प्रकार के ऊँचे ओहदे में कार्यरत है।

दूसरी महिला सिस्टर रोसमान्ना एनरीका हैं जो सपर्पित और प्रेरित जीवन के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति की सह-सचिव हैं।

फ्लामिनिया ने ज़ेनित समाचार को बताया कि वे संत पापा के प्रति कृतज्ञ हैं। उनकी इच्छा है कि महिलायें चर्च के विभिन्न क्रिया-कलापों में सक्रिय योगदान करें।

नवनियुक्त सह-सचिवफ्लामिनिया ने कहा है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि महिलायें चर्च के लिये अपना योगदना देती रहेंगी। उनका मानना है कि महिलाओं का एक अपना दृष्टिकोण होता है जो पुरुषों द्वारा दिये जा रहे योगदान की कमी को पूर्ण कर देता है।

ज्ञात हो कि रोम निवासी जियोवनेल्ली सन् 1974 से ही शांति और न्याय के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति को अपनी सेवायें दे रहीं हैं। उन्होंने 36 वर्षों तक इस विभाग की सेवा की है।











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