आम व्यक्ति सेमिनरी के प्रशिक्षण में योगदान दें - महाधर्माध्यक्ष लुकस
कोलकाता, 23 जनवरी, 2010 (उकान)। कोलकाता के महाधर्माध्यक्ष लुकस सिरकार ने कहा कि आम
विश्वासी गुरुकुलों के साथ जुड़ कर कार्य करें ताकि ‘व्यक्ति-केन्द्रित कलीसिया’ का निर्माण
संभव हो पायेगा। उन्होंने उक्त बात की जानकारी उस समय दीं जब उन्होंने महाधर्मप्रांत
के नाम पर एक पत्र लिखा। पत्र पर टिप्पणी करते हुए मोरनिंग स्ट्रार रिजनल सेमिनरी, बैरकपुर
के रेक्टर फादर फैंकलिन मेनेज़ेस ने कहा कि महाधर्माध्यक्ष की इच्छा है कि वे पूरे महाधर्मप्रांत
को नये तरीके से संगठित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों की धारणा रही है
कि गुरुकुलों के प्रशिक्षुओं की शिक्षा-दीक्षा का दायित्व सिर्फ पुरोहितों पर है और उनके
प्रशिक्षण से उनका कोई वास्ता नहीं हैं। यह उचित नहीं है। महाधर्माध्यक्ष सिरकार
ने आगे बताया कि आम ख्रीस्तीय तीन तरीकों से सेमिनरी की मदद कर सकते हैं। वे अपने पुत्रों
को पुरोहित बनने के लिये समर्पित करें, पुरोहितों के लिये प्रार्थना करें और उनके प्रशिक्षण
के लिये आर्थिक रूप से मदद दें। ज्ञात हो कि कोलकाता स्थित मोरनिंग स्टार सेमिनरी
में 200 प्रशिक्षु हैं और जिनकी पढ़ाई-लिखाई और निवास पर प्रति माह 4 हज़ार रुपये अर्थात्
90 डॉलर खर्च होते हैं। उनके खर्च का 2 तिहाई हिस्सा रोम या अंतरराष्ट्रीय एजेसियाँ करती
हैं। महाधर्माध्यक्ष के इस आह्वान का कैथोलिक एसोसिएशन के महासचिव ने स्वागत किया
है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन उन पल्लियों को मदद देगा जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।