जर्मनी के बर्लिन शहर में सोमवार, 11 जनवरी को, एक समारोह से, संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा
घोषित अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष का उदघाटन किया गया। विश्व की विभिन्न प्राकृतिक
प्रजातियों को लुप्त होने से बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष अन्तरराष्ट्रीय
जैव विविधता वर्ष की घोषणा की है ताकि यह चेतना जाग्रत की जा सके कि प्राकृतिक प्रजातियों
का विलोपन मानवजाति की उत्तरजीविता के लिये एक महान ख़तरा है। आठ वर्ष पूर्व विश्व
समुदाय ने जैव विविधता की क्षति को सन् 2010 तक घटाने का संकल्प व्यक्त किया था जिसे
पूरा नहीं किया जा सका है। शहरीकरण की वृद्धि, कृषि के ग़लत तौर-तरीके और मूलभूत
संरचनाओं के विस्तृत होते जाल को प्राकृतिक प्रजातियों के लुप्त होने के प्रमुख कारण
बताया गया। उक्त समारोह में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून ने वी़डियो
के ज़रिए अपना सन्देश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि मानव गतिविधियों के विस्तार के कारण
बहुत सी प्राकृतिक प्रजातियों का विलोपन हो रहा है अतः जैव विविधता के संरक्षण के लिये
इन गतिविधियों पर नियन्त्रण नितान्त आवश्यक है। वनों, जल स्रोतों, जलाशयों एवं अन्य प्राकृतिक
संसाधनों की रक्षा हेतु भी ठोस उपाय करने का महासचिव ने आह्वान किया।