क्वालालंपुर 9 जनवरी, 2010 (एशियान्यूज़)। मलयेशिया में शुक्रवार तड़के 3 चर्चों पर अज्ञात
लोगों ने बम से हमला कर दिया। माना जा रहा है कि गैर-मुस्लिमों को ' अल्लाह ' शब्द का
प्रयोग करने का अधिकार देने वाले बीते हफ्ते के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ये हमले
हुए हैं।
इस फैसले से मुस्लिम समुदाय काफी नाराज़ है और उसने जुमे की नमाज के
बाद विरोध-प्रदर्शन कर इसे जाहिर भी किया। देश में तनाव को कम करने के लिए विपक्ष ने
सरकार से हाथ मिला लिया है। हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।
एशियान्यूज़
के अनुसार पहले यहां के सबर्ब देसा मेलावती में स्थित तीन मंजिला मेट्रो टैबरनैकल चर्च
में दो अज्ञात लोगों ने बम से धमाका किया, जिससे वहां आग भड़क उठी। बताया गया है कि इससे
चर्च के ग्राउंड फ्लोर में स्थित ऑफिस को काफी नुकसान पहुंचा है।
हमलावर मोटरसाइकल
से फरार हो गए। इस घटना के एक घंटे बाद पेटालिंग जाया शहर के असम्पशन कैथलिक चर्च में
अज्ञात लोगों ने बम फेंक दिया। हमले में किसी के घायल होने की जानकारी नहीं है। फिर वहीं
के प्रोटेस्टेंट चर्च लाइफ चैपल को भी निशाना बनाया पर वहाँ से भी जानमाल की क्षति के
ख़बर नहीं हैं।
इन हमलों के बाद पुलिस ने सभी धार्मिक जगहों की सुरक्षा बढ़ा दी
है। प्रधानमंत्री नजीब तुन रज्जाक ने कहा कि चर्चों पर हमले से देश की एकता खंडित होती
है, जो कि बहुधामिर्क राह पर चल रहा है। उन्होंने हमले रोकने के लिए पुलिस के नैशनल चीफ
से मुलाकात की है।
आईजी मूसा हसन ने कहा कि उन्हें ईसाई नेताओं की ओर से कई फोन
आए हैं, जिनमें यही कहा गया है कि वे डरे हुए हैं।
उधर कथोलिक साप्ताहिक हेराल्ड
के संपादक लौरेंस ऐन्डरु ने एशियान्यूज़ को बताया कि अदालत के अंतिम फैसले होने तक वे
' अल्लाह ' शब्द का प्रयोग नहीं करेंगे।
ज्ञात हो कि मलेशिया की 2 करोड़ 80 लाख
आबादी वाले देश में 60 प्रतिशत लोग मुस्लिम धर्मानुयायी हैं। इनके अलावा चीनी और भारतीय
मूल के लोग भी हैं, जो ईसाई, बौद्ध और हिंदू धर्म को मानते हैं।
लोगों के मन
से 1969 के दंगों की यादें अब तक नहीं मिटी हैं, जिसने देश को बांट दिया था।