नेवादाः विश्व की 70 प्रतिशत जनता धार्मिक प्रतिबन्धों के घेरे में
धर्म एवं सार्वजनिक जीवन पर अमरीका के प्यू रिसर्च केन्द के मंच द्वारा प्रकाशित हाल
के एक अध्ययन में कहा गया कि विश्व की 70 प्रतिशत जनता उन देशों में जीवन यापन करती है
जहाँ धर्म पालन पर प्रतिबन्ध लगे हैं तथा इसका सर्वाधिक दुष्परिणाम अल्पसंख्यकों को भुगतना
पड़ता है। अमरीका के नेवादा में 28 दिसम्बर को एक वकतव्य जारी कर हिन्दु विद्वान
राजन ज़ेद ने उक्त खोज पर अपना आश्चर्य व्यक्त किया तथा विश्व के सभी देशों का आह्वान
किया कि वे लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करें क्योंकि यह मानवाधिकार का ही
अंग है। उन्होंने कहा कि हर देश के बहुसंख्यकों का दायित्व है कि वे अल्पसंख्यकों
के अधिकारों की रक्षा करें। उक्त अध्ययन के अनुसार विश्व के 64 देशों में धर्म पर
कड़े प्रतिबन्ध लगे हैं तथा कुछ प्रतिबन्ध सरकारी नीतियों एवं कानूनों का परिणाम हैं।
178 राष्ट्र ऐसे हैं जहाँ धर्म सम्बन्धी गतिविधियों का पंजीकरण अनिवार्य है। इनमें 117
देशों में यह पंजीकरण भेदभाव पर आधारित रहता है। बताया गया कि 87 प्रतिशत देशों में
विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच सार्वजनिक तौर पर तनाव विद्यमान हैं जबकि 126 देशों में
धर्म के विरुद्ध भेदभाव शारीरिक हिंसा में बदल जाता है। यह भी बताया गया कि 49 देशों
में लोगों को बलात कुछ विशिष्ट धार्मिक गतिविधियों के पालन हेतु बाध्य किया जाता है।