वाटिकन सिटीः सन्त पापा के नाम के प्रयोग के लिये परमधर्मपीठ से अनुमति आवश्यक
अब से यदि कोई विश्वविद्यालयस संघ या न्यास कलीसिया के परमाध्यक्ष सन्त पापा बेनेडिक्ट
16 वें के नाम का प्रयोग करना चाहे तो इसके लिये उसे परमधर्मपीठ से आधिकारिक अनुमति लेनी
पड़ेगी।
वाटिकन प्रेस कार्यालय ने शनिवार को एक घोषणा जारी कर कहा, "प्रत्यक्ष
रूप से कलीसिया के परमाध्यक्ष के व्यक्तित्व एवं कार्य से सम्बन्धित किसी भी प्रकार के
उपयोग जैसे उनके नाम, उनकी तस्वीर आदि के लिये तथा परमधर्मपीठीय शीर्षक के लिये परमधर्मपीठ
से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा।"
वाटिकन की घोषणा में इस बात की ओर ध्यान
आकर्षित कराया गया कि विगत वर्षों में सन्त पापा के प्रति लोगों में अभिरुचि एवं स्नेह
का संचार हुआ है तथा विश्वविद्यालयों, स्कूलों, सांस्कृतिक संस्थाओं, न्यासों, संघों
एवं अन्य समूहों ने भी सन्त पापा के नाम एवं उनके शीर्षकों का उपयोग किया है।
घोषणा
में यह भी कहा गया कि कभी कभी कलीसियाई, परमाध्यक्षीय एवं काथलिक प्रतीकों का उपयोग उन
पहलों को विश्वसनीयता प्रदान करने के लिये किया गया है जिनका काथलिक कलीसिया से कोई सम्बन्ध
नहीं था।
परमधर्मपीठ ने इस तथ्य की पुष्टि की कि "पेत्रुस के उत्तराधिकारियों
के प्रति सम्मान को सुनिश्चित्त करने का एकाधिकार केवल परमधर्मपीठ के पास है" साथ ही
उसे यह अधिकार भी है कि "वह, अनाधिकृत उपयोग से, सन्त पापा के नाम, उनके व्यक्तित्व एवं
उनकी व्यक्तिगत पहचान की रक्षा करे।"