2009-12-19 11:38:11

दारफुर और कामपाला में हिंसा समाप्त करें - संत पापा


वाटिकन सिटी, 19 दिसंबर, (2009 जेनित) । संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने अपील की है कि दारफुर और कामपाला में लोग हिंसा समाप्त करें।
उन्होंने कहा कि मात्र संघर्ष का न होना वास्तविक शांति नहीं ला सकता है।
संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने सुडान और उगांडा के वाटिकन के लिये नियुक्त नये राजदूतों को पत्र प्रेषित किये।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों संत पापा ने 8 नये राजदूतों से मुलाक़ात की और उन्होंने अपना प्रत्यय पत्र प्रस्तुत किया था। यह भी विदित हो कि उनमें से तीन राजदूत अफ्रीका महादेश से हैं।
संत पापा ने आगे कहा कि शांति तब ही आ सकता है जब लोगों में मेल-मिलाप की भावना, आपसी सहयोग और न्याय की भावना बढ़ेगी।
उगांडा के राजदूत फ्रांसिस बुताजिरा को संबोधित पत्र में उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का दुःख है कि कुछ लोगों ने उत्तरी सुडान में हिंसा का जमकर प्रचार किया है। इससे पूरे देश को बहुत क्षति हुई है और कई बेघर-बार हो गये।
बच्चे अनाथ हो गये, महिलायें विधवा हो गयीं और कई तो विस्थापित हो गये और अपने घरों को भी वापस लौटना नहीं चाहते हैं।
संत पापा ने राजदूतों को याद दिलाया कि जब अक्तूबर महीने में अफ्रीकी धर्माध्यक्षों कि रोम में  महासभा  का आयोजन किया गया था तब इसकी मुख्य विषयवस्तु थी ' शांति और सद्भावना ' ।
सुडान के राजदूत सुलेमान मुहम्मद मुसताफा को संबोधित करते हुए संत पापा ने कहा कि उन्हें चाहिये कि वे लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करेँ।
उन्होंने याद दिलाया कि चार साल पहले जो शांति-समझौता हुआ था उससे एक नयी आशा जगी थी पर अभी तक लोगों ने इसके वास्तविक फल का अनुभव नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि समझौते को लागू किये जाने की आवश्यता है।अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा की जानी चाहिये और बच्चों को स्कूल जाने का अधिकार मिलना शांति और प्रगति के लिये निहायत ज़रूरी है।
अंत में केन्या के राजदूत एलकानाह ओदेमबो को संबोधित करते हुए संत पापा ने कहा कि केन्या में ग़रीबी की समस्या दूर हो सकती है अगर सम्पति का उचित और न्यायपूर्ण वितरण हो।








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