पर्यावरण को बचाने के लिये विश्व के नेता एकजुट हों - संत पापा
वाटिकन सिटी, 18 दिसंबर, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने विश्व के नेताओं से अपील
की है कि पर्यावरण को बचाने के लिये एकजुट हो जायें।
संत पापा ने फ्रांसीसी भाषा
में उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने वाटिकन के आठ नये राजदूतों से उन्होंने मुलाक़ात
की।
ज्ञात हो कि गुरुवार 17 दिसंबर को वाटिकन के लिये डेनमार्क, उगाँडा, सुडान,
केन्या, कज़ाकिस्तान, बांगला देश, फिनलैंड और लताविया के नवनियुक्त राजदूतों ने संत पापा
से मुलाक़ात की।
यह भी विदित हो कि जलवायु परिवर्तन पर कोपेनहेगेन में चलने वाला
शिखर सम्मेलन भी अब समाप्ति पर है।
संत पापा ने कहा कि वे राजनीतिक नेताओं और
परिवारों को यह बताना चाहते हैं कि वे न केवल पर्यावरण की रक्षा के लिये कार्य करें पर
एक ऐसे निष्कर्ष पर पहुँचें जो सबके लिये लाभकारी और न्यायपूर्ण हो।
संत पापा
ने कहा कि अब ऐसा समय आ गया है कि लोगों को प्रकृति को बचाने बचाने के लिये समर्पित होना
ही पड़ेगा। इसके साथ ही पर्यावरण को बचाने के लिये प्रत्येक देश को अपने स्तर से और अपने
ही तरीकों से कार्य करना पड़ेगा।
संत पापा ने कहा कि अगर पर्यावरण को बचाने का
प्रयास नहीं किया गया तो इसका सीधा असर को मानव पर ही पड़ेगा।
पोप ने आगे कहा
कि मानव का हित इसी में है कि वह वस्तुओं का न तो ज़्यादा उपभोग करे न ही उसे जमा करके
रखे। संत पापा ने कहा कि इसके समाधान के लिये मनुष्य को चाहिये कि ईश्वर को सारी सृष्टि
का मालिक माने और प्रत्येक व्यक्ति को उचित सम्मान दे।
अगर मानव ऐसा करने में
सफल हो जाता है तो पूरे विश्व का शांतिप्रूर्ण- सह-अस्तित्व का सपना पूरा हो जायेगा।
संत पापा ने इस बात पर बल दिया कि शांति जिसकी बातें सब करते हैं कि यह तभी
संभव होगा प्रत्येत व्यक्ति अपने वास्तविक रूप को ईश्वर की इच्छा से पहचाने तथा मानव
की मर्यादा और विश्वास की रक्षा के लिये कार्य करे।
उन्होंने आशा जतायी है कि
इसे मजबूत करने के लिये हर धर्म लोगों की मदद करे।