पाकिस्तान, फैसलाबादः ईश निन्दा के जुर्म में गिरफ्तार दो ख्रीस्तीय नागरिक रिहा
पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर के निकटवर्ती एक गाँव से विगत अक्तूबर माह में ईश निन्दा के
जुर्म में गिरफ्तार गुलशर मसीह तथा उनकी पुत्री सन्दाल को 14 दिसम्बर को रिहा कर दिया
गया।
गुलशर मसीह एवं उनकी पुत्री का मुकद्दमा लड़नेवाले वकील ख़लील ताहिर ने
एशिया समाचार से बातचीत में अदालत के निर्णय की पुष्टि की।
पाकिस्तानी दण्ड विधान
की धारा 295 के तहत नौ अक्तूबर सन् 2008 को गुलशर एवं उनकी पुत्री पर ईश निन्दा का आरोप
लगाया गया था। आरोप था कि उन्होंने फैसलाबाद ज़िले स्थित तेहसील चक झूमरा गाँव में कुरान
के पन्ने फाड़ डाले थे। इस ख़बर के फैलते ही गाँव में अतिवादी मुसलमानों ने ख्रीस्तीयों
पर कई हमले किये थे तथा गुलशर के घर को आग के हवाले कर दिया था।
गुलशर के वकील
का कहना है कि सभी आरोप ग़लत थे तथा वैयक्तिक रन्जिश का परिणाम थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान
का ईश निन्दा कानून एक पक्षपाती कानून है जिसका दुरुपयोग कर अतिवादी मुसलमान ख्रीस्तीयों
एवं अन्य अल्पसंख्यकों को उत्पीड़ित करते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की मानसिकता में
बदलाव लाने तथा पक्षपाती कानूनों को रद्द करने के लिये कड़े परिश्रम एवं राजनैतिक संकल्प
की आवश्यकता है।
पाकिस्तानी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की न्याय एवं शान्ति
समिति द्वारा एकत्र आँकड़ों के अनुसार सन् 1986 से सन् 2009 तक ईश निन्दा कानून के तहत
964 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, इनमें 479 मुसलमान, 119 ख्रीस्तीय, 340 अहमदी,
14 हिन्दु तथा 10 अन्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त इसी कानून की आड़ में कम से कम 33 व्यक्तियों
की अतिवादियों या क्रुद्ध दलों द्वारा वादेतर हत्या कर दी गई। अन्तिम प्रकरण फानीश का
है जिसकी विगत सितम्बर माह में मौत हो गई थी तथा जिसके लिये ख्रीस्तीय धर्मानुयायी अभी
भी न्याय की आस लगाये बैठे हैं।