2009-12-10 12:48:24

वाटिकन सिटीः प्रार्थना जीवन को मज़बूत बनाने हेतु वाटिकन का पुरोहितों से आग्रह


वाटिकन ने बुधवार को पुरोहितों के नाम एक विशेष पत्र जारी कर प्रार्थना के महत्व पर उन्हें आलोक प्रदान किया।

याजकवर्ग सम्बन्धी परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष कार्डिनल क्लाओदियो ह्यूम्स ने इस पत्र में कहा है कि जब पुरोहित प्रार्थना को शिथिल कर देता है तब उसका विश्वास कमज़ोर पड़ जाता है तथा उसकी प्रेरिताई पर निर्भर रहनेवाले ख्रीस्तीय समुदाय की क्षति होती है।

पत्र में कार्डिनल महोदय लिखते हैं, "प्रार्थना का पुरोहित के जीवन में केन्द्रीय स्थान होता है। इसे समझना कठिन नहीं है क्योंकि प्रार्थना प्रभु येसु ख्रीस्त के साथ उनके शिष्य की आत्मीयता को पोषित करती है।

हम सब जानते हैं कि जब प्रार्थना कम होने लगती है तब विश्वास कमज़ोर पड़ता तथा पुरोहित की प्रेरिताई अपने मर्म एवं अर्थ को खो देती है। इसका अनिवार्य परिणाम यह होगा कि पुरोहित अपने दैनिक मिशन से कम सन्तुष्टि एवं कम आनन्द प्राप्त करेगा।"

इस तथ्य को समझाते हुए कार्डिनल ह्यूम्स ने अन्यों से घिरे येसु के साथ साथ चलते एक पुरोहित का उदाहरण देकर कहा कि जो पुरोहित प्रार्थना नहीं करता वह अन्यों से पीछे रह जाता है तथा धीरे धीरे इतना पीछे रह जाता है कि उसे ख्रीस्त दिखाई ही नहीं देते। उसी क्षण से वह अपने आप को खोया हुआ, अनिश्चित एवं लक्ष्यहीन महसूस करने लगता है। उन्होंने कहा कि इसीलिये यह आवश्यक है कि पुरोहित स्वयं अपने लिये तथा उसकी प्रेरिताई पर निर्भर ख्रीस्तीय समुदाय को मज़बूत बनाने के लिये सतत् प्रार्थना करे।










All the contents on this site are copyrighted ©.