जिनीवाः व्यापार में न्याय को सर्वोपरि रखने हेति वाटिकन का आह्वान
जिनिवा में विगत सप्ताहान्त सम्पन्न विश्व व्यापार संगठन के सातवें सत्र की बैठक में
वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष सिलवानो थोमासी ने व्यापार में न्याय को
सर्वोपरि रखने का सरकारों से आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय व्यापार को
सामाजिक न्याय पर आधारित होना चाहिये। उनका कहना था कि विशेष रूप से हाल की आर्थिक मन्दी
के मद्देनज़र यह आवश्यक है कि निर्धनों के हित ख़्याल किया जाये।
उक्त बैठक में
विश्व व्यापार संगठन के 139 प्रतिनिधि देशों ने व्यापार के उदारीकरण पर एक विश्वव्यापी
समझौता तैयार करने पर विचार विमर्श किया।
महाधर्माध्यक्ष सिलवानी ने कहा, "यद्यपि
प्रत्येक देश को अधिकार है कि वह अपना अलग आर्थिक ढाँचा बनाये तथापि समानता पर आधारित
वैश्वीकरण के सन्दर्भ में निकाय़ों को ढूँढ़ा जाना चाहिये जिनमें एकात्मता, निवेष, तकनीकी
का स्थानान्तरण, निर्माण क्षमता तथा ज्ञान का आदान प्रदान विकास के प्रति समर्पित रहें।"
"इन सभी को", उन्होंने कहा, "मानव व्यक्ति की केन्द्रीयता पर आधारित होना चाहिये।"
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि अर्थ व्यवस्था को प्रत्येक मानव प्राणी की प्रतिष्ठा
का सम्मान करना चाहिये और इसके लिये बाज़ारों का ध्येय जन कल्याण होना चाहिये ताकि निर्धन
वर्ग विकास प्रक्रिया से वंचित न रह जाये।