वाटिकन सिटीः 18 वें विश्व रोगी दिवस के लिये सन्त पापा का सन्देश प्रकाशित
वाटिकन ने गुरुवार, तीन दिसम्बर को 18 वें विश्व रोगी दिवस के लिये सन्त पापा बेनेडिक्ट
16 वें के सन्देश की प्रकाशना कर दी।
काथलिक कलीसिया द्वारा घोषित विश्व रोगी
दिवस प्रति वर्ष 11 फरवरी को लूर्द की महारानी माँ मरियम के पर्व के दिन मनाया जाता है।
इस वर्ष, संयोग से, 11 फरवरी को स्वास्थ्य सेवा सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति की 25 वीं
वर्षगाँठ भी है।
विश्व रोगी दिवस सन् 2010 के लिये प्रकाशित अपने सन्देश में
सन्त पापा कहते हैं कि रोग और पीड़ा का अनुभव आशा, परिपक्वता एवं ख्रीस्त के साथ जुड़ने
की पाठशाला बन सकता तथा सम्पूर्ण कलीसिया के लिये लाभकर सिद्ध हो सकता है।
सन्देश
में सन्त पापा कहते हैं, "ईश्वर से प्राप्त कृपा को अपने जीवन में आत्मसात करने से रोग
एवं पीड़ा का कष्टकर अनुभव आशा की पाठशाला में परिणित हो सकता है।"
पुरोहितों
को समर्पित वर्ष 2009-2010 के दौरान सन्त पापा उक्त सन्देश में रोगियों से निवेदन करते
हैं कि वे अपनी पीड़ाओं को पुरोहितों के लिये अर्पित करें ताकि पुरोहित अपनी बुलाहट के
प्रति सत्य निष्ठ बने रहें तथा उनकी प्रेरिताई सम्पूर्ण कलीसिया के लिये समृद्ध आध्यात्मिक
फल उत्पन्न करे।
सन्देश में सन्त पापा ने रोगियों एवं पीड़ितों की सेवा में संलग्न
लोगों के प्रति भी आभार व्यक्त किया तथा उन्हें उनके नेक मिशन के लिये प्रोत्साहन प्रदान
किया।
स्वास्थ्य सेवा सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति की 25 वीं वर्षगाँठ के
सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा कि कलीसिया विश्व के विभिन्न देशों में रोगियों एवं पीड़ितों
की मदद के लिये मानवतावादी एवं लोकोपकारी संस्थाएँ चला रही है। उन्होंने कहा कि आज के
ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक क्षण में इन कलीसियाई संस्थाओं की पहले से कहीं अधिक आवश्यकता
है ताकि गर्भ के प्रथम क्षण से प्राकृतिक मृत्यु तक मानव जीवन की सुरक्षा का आश्वासन
मिल सके।