बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन के ठोस प्रमाण, अदालत सिद्ध करे- महाधर्माध्यक्ष मोरास
बंगलोर, 3 दिसंबर, 2009। बंगलोर के महाधर्माध्यक्ष बेरनार्ड मोरास की अध्यक्षता में 1
दिसंबर सोमवार को संत मारकुस महागिरजाघऱ में एक अंतरकलीसियाई सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इसमें 500 पुरोहितों ने हिस्सा लिया। चार घंटे चले इस सम्मेलन में विभिन्न कलीसिया
के प्रतिनिधियों ने इस बात पर अपनी सहमति जतायी कि वे ' कर्नाटक यूनाइटेड क्रिश्चियन
फोरम फॉर ह्रूमन राइट्स ' (KUCFHR) की सदस्यता ग्रहण करेंगे जिसका गठन सन् 2008 के सितंबर
महीने में हुआ था।
इस अवसर पर बोलते हुए संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि ईसाइयों
पर आक्रमण ईसाइयों के लिये एक आमंत्रण है कि वे एकता के सूत्र में बँध जायें।
उन्होंने
अंतरकलीसियाई संगठन के तीन सूत्रीय लक्ष्य के बारे में बताते हुए कहा कि हमें चाहिये
कि ईसाई अपने विश्वास मजबूत करें, नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिये कार्य करें और लोकोपकारी
कार्य मिल-जुल कर करें।
उन्होंने ' बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन ' के बारे कहा कि
कुछ लोगों ने राजनीतिक लाभ के लिये इस मुद्दे को ज़रूरत से ज़्यादा बड़ा कर दिया है।
वे लोगों में इस डर को भरना चाहते हैं कि ईसाइयों के कारण वे असुरक्षित हैं।
उन्होंने
आगे कहा कि अगर ' बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन ' के कोई ठोस प्रमाण हैं तो उसे अदालत सिद्ध
करे।
धर्मों के आधार पर समाज को अशांत करके राजनीतिक रोटी सेंकने के लिये कुछ
लोग ईसाई समुदाय पर ' बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन ' के झूठे आरोप लगाते रहें हैं।
उन्होंने
कहा कि वे आज दावा करते है कि ईसाई समुदाय के द्वारा जो समाज कल्याणकारी कार्य ग़रीबों
और कमजोर वर्ग के लिये किये जा रहें उसे भारत का कोई भी नागरिक नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता
है।
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने जो संगठन बनाया है सिर्फ़ इसलिये नहीं कि
इससे ईसाई विरोधी आंदोलन को सामना किया जा सके पर इसलिये भी कि ईसाई अपने संवैधानिक अधिकार
का उपयोग करें। अपने विश्वास के अनुसार जीयें और इसका प्रचार भी कर सकें। यह अधिकार
देश के प्रत्येक धर्मावलंबी का है।
ज्ञात हो कि इस सम्मेलन में काथलिक प्रतिनिधियों
के अलावा ' बिलिभर्स चर्च ' , ' सीएसआई ', ' फुल गोसपल चर्च ', ' बैपटिस्ट चर्च
', ' फेथ प्रेयर असेम्बली ', ' इडेपेनडेनट चर्चेस ', ' मारथोमा ', ' सिरयन ऑर्थोडॉक्स
', और ' टच इंडिया मिनिसटरीस ' के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
जेस्विट फादर
रोनी प्रभु ने अंतरकलीसियाई सम्मेलन के संयोजक की ज़िम्मेदारी निभायी।
इस अवसर
पर पत्रकार अन्तो अकारा ने सम्मेलन के समक्ष अपनी किताब कंधमान ए ब्लोट ऑन इंडियन सेक्यूलरिज़म
प्रस्तुत किया।
यह तय किया है कि संगठन की अगली सभा 13 दिसंबर को बड़े पैमाने
पर की जायेगी।