वाटिकन सिटी, 3 दिसंबर, 2009। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने एक कातिल जाक की बहन मोनिका
से मुलाका़त की ।
जाक ने डकैती के सिलसिले में एक पुलिस की हत्या कर दी थी।
ज्ञात हो कि जाक को पेरिस में 1 अक्तूबर सन् 1957 को मृ्त्यु दंड दिया गया।
यह
भी विदित हो कि जाक जब जेल में था तब उसने पश्चात्ताप किये और अभी उसे संत बनाने की प्रक्रिया
जारी है।
यह भी विदित हो कि 2 दिसंबर बुधवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के महापुरोहित
कार्डिनल अनजेल कोमास्त्री भी मोनिका के साथ संत पापा से मिलने आये।
कार्डिनल
अनजेलो ने स्थानीय समाचार पत्र लोसेरभातोरे रोमानो को बताया कि जब वे रेजिना कोयली जेल
के चैपलिन थे तब उनकी मुलाक़ात जाक से हुई थी।
कार्डिनल ने कहा कि जाक का जीवन
ईश्वरीय महिमा का एक अनोखा साक्ष्य है।
जाक का जन्म एक सम्पन्न परिवार में हुआ
था। पर वह अपने युवाकाल में चोर-डकैतों की संगति मे आ गया। 27 साल की आयू में वह डकैती
करता हुआ पकड़ा गया और उसे मृत्यु दंड दिया गया।
अपनी मृत्यु के पहले जाक का
ह्रदय परिवर्तन हुआ और उन्होंने आध्यात्मिकता की जिस चरमसीमा को ने छूआ वह अद्वितीय है।
इस अवसर पर जाक की बहन मोनिका ने बताया कि जब उसका भाई जेल में था तो उन्होंने
उसके आंतरिक परिवर्तन को करीब से देखा।
मोनिका ने उन पत्रों को संत पापा को दिखाया
जिसे जाक ने लिखा था। सन् 1993 में पेरिस के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जांन मरि लुस्टिगर
ने संत बनाने की प्रक्रिया को आगे आधिकारिक तौर पर आगे बढ़ाया।