रोमः मॉस्को प्राधिधर्माध्यक्षीय पीठ से बेनेडिक्ट 16वें के प्रवचनों का प्रकाशन
रूस की ऑरथोडोक्स ख्रीस्तीय कलीसिया ने इताली एवं रूसी भाषा में एक पुस्तक का प्रकाशन
किया है जिसमें यूरोप की संस्कृति पर लिखे सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के पाठों को सम्मिलित
किया गया है।
यह पहला मौका है जब मॉस्को की रूसी ऑरथोडोक्स कलीसिया ने किसी
काथलिक परमाध्यक्ष के शब्दों का प्रकाशन किया हो। पुस्तक का शीर्षक हैः "यूरोप, आध्यात्मिक
स्वदेश," जिसमें विगत दस वर्षों में जोसफ राटसिंगर द्वारा इस विषय पर लिखे पाठों का संकलन
है।
पुस्तक का विमोचन बुधवार को रोम में किया गया। इस अवसर पर मॉस्को प्राधिधर्माध्यक्षीय
पीठ के महाधर्माध्यक्ष हिलेरियन आल्फेई ने कहा कि यह कृति यूरोप के सांस्कृतिक एकीकरण
में ख्रीस्तीय धर्म की भूमिका को प्रकाशमान करती है। पुस्तक के सम्पादक पियरलूका अत्ज़ाररो
के अनुसार "यह पुस्तक काथलिक तथा ऑरथोडोक्स कलीसियाओं के सहस्राब्दिक इतिहास में पहले
कभी न देखी गई ऐतिहासिक खोज की एक घटना है। किन्तु सबसे पहले यह ख्रीस्त के प्रेम एवं
ख्रीस्तीयों के बीच प्रेम का महान साक्ष्य है। इसी प्रेम के सोते से यूरोपीय संस्कृति
को अपनी बहुविध अभिव्यक्तियों में प्रस्फुटित होना चाहिये अर्थात् ऐसी जीवन्त संस्कृति
जो यथार्थ रचनात्मक नैतिक ऊर्जा से ओत् प्रोत् हो तथा सबके लिये एक बेहतर भविष्य के निर्माण
में सक्षम हो।"
पुस्तक की प्रस्तावना में सन्त पापा एवं महाधर्माध्यक्ष हिलेरियन
आल्फेई ने लिखा है कि यूरोप दो पंखों वाला एक सांस्कृतिक महाद्वीप है और उसके ये दो पंख
हैं पूर्व तथा पश्चिम की कलीसिया जो रूसी एवं पश्चिमी यूरोप की संकीर्ण द्वैतता से कहीं
श्रेष्ठकर है।