असम्पशन चर्च हमले का मास्टरमांइड रामप्रसाद ने माँफी माँगी
काठमाण्डू 30 नवम्बर, 2009। असम्पशन चर्च हमले का मास्टरमांइड हिंदु अतिवादी संगठन का
नेता राम प्रसाद माईनाली ने एक लिखित पत्र लिख कर क्षमा माँगी है। रामप्रसाद ने प्रोटेस्टंट
पादरी लोकमानी ढाकल को एक पत्र लिखा और बताया कि वह जेल में अपने किये गलती के लिये पश्चात्ताप
कर रहा है। ज्ञात हो पादरी लोकमानी ढाकल ' हमरो आशिष ' अर्थात् ' हमारी आशिष '
नामक एक पत्रिका के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। नेपाल डिफेंस आर्मी के नेता माईनाली
को सरकार ने 5 सितंबर को गिफ्तार कर लिया था। ज्ञात हो उस चर्च हमले में तीन काथलिकों
की मृत्यु हो गयी थी और अनेक घायल हुए थे। यह भी विदित हो कि नेपाल डिफेंस आर्मी के सदस्य
इस बात के लिये प्रयासरत हैं कि नेपाल को हिंदु राष्ट बनाया जाये। 22 नवम्बर को हाथ
से लिखे अपने पत्र में माईनाली ने कहा कि वह चाहता था कि नेपाल हिन्दु राष्ट्र बने इसलिये
वह ईसाइयों को नेपाल से खदेड़ना चाहता था। उसने आगे लिखा है कि वह अपना समय जेल में काट
रहा है और वह अपने कार्यों के लिये पश्चात्ताप कर रहा है । उसने अपनी इच्छा ज़ाहिर
की है कि वह एक समाज सेवक के रूप में अपना जीवन बिताना बिताये। उसका कहना है कि वह अब
उस दिन का इंतज़ार कर रहा है जब सब धर्मों के लोग धार्मिक-समभाव रखेंगे। पत्र पर
प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पादरी ढाकल ने कहा कि ईसाई समुदाय की प्रार्थना बेकार नहीं
गयी है। हालाँकि, कई लोगों ने माईनाली की मंशा पर संदेह व्यक्त किया है। पर प्रोटेस्टंट
पादरी विशाल सुभा बताते है कि उन्होंने माईनाली को जेल में धार्मिक पूजन-विधियों में
भाग लेत हुए देखा है। उधर नेपाल काथलिक सोसायटी के अध्यक्ष विनोद गुरुंग ने कहा कि
किसी ने भी क्षमापत्र को लिखा हो या उनकी मंशा जो भी रही हो हम ईसाई समुदाय की ओर से
उन्हें क्षमा देते हैं।